शिकायतकर्ता पत्रकार मनीष पांडेय ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था. पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक पोस्ट किए गए थे. सपा ने गिरफ़्तार पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.
हालांकि, सपा ने गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है.
यूट्यूब चैनल चलाने वाले अनिल यादव को शुक्रवार (25 नवंबर) को पत्रकार मनीष पांडेय की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. पांडेय ने 23 नवंबर को सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल को चलाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
हजरतगंज के अपर पुलिस आयुक्त अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि अनिल यादव सपा के मीडिया सेल के हैंडल से टिप्पणी कर कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है. संपर्क करने पर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने यादव के पार्टी के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को बेनकाब कर रहे हैं.
हजरतगंज थाने में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 504 (जान-बूझकर अपमान) 505 (अफवाह फैलाने के इरादे से किसी भी मिथ्या कथन का प्रकाशन या प्रसारण) और 500 (मानहानि) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
शिकायतकर्ता मनीष पांडेय ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किए गए थे.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं.
सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से शनिवार को ट्वीट किया गया था, ‘पत्रकार अनिल यादव जी अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से भाजपा सरकार में जनता के साथ हो रही ज्यादतियों और अत्याचारों की पोल खोल रहे थे. इससे नाराज होकर भाजपा सरकार ने प्रशासन के माध्यम से अनिल यादव जी को असंवैधानिक रूप से गुंडागर्दी करके गिरफ्तार करवा दिया. शर्मनाक.’
अनिल यादव जी की तत्काल रिहाई और ससम्मान घर वापिसी हो
भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने और संविधान का अपमान करने तथा जनपक्षधारी पत्रकारिता को सत्ता की ताकत से रोकने की कुचेष्टा कर रही है
आजाद आवाज हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है , #संविधानदिवस पर संविधान का अपमान न करे भाजपा! https://t.co/hZl9DmGjdH
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) November 26, 2022
एक अन्य ट्वीट में कहा गया था, ‘अनिल यादव जी की तत्काल रिहाई और ससम्मान घर वापसी हो. भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने, संविधान का अपमान करने और जनपक्षधारी पत्रकारिता को सत्ता की ताकत से रोकने की कुचेष्टा कर रही है. आजाद आवाज हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. संविधान दिवस पर संविधान का अपमान न करे भाजपा.’