कश्मीरी पत्रकार ख़ालिद गुल को 2017 के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया

कश्मीर के अख़बार ग्रेटर कश्मीर से लंबे समय तक जुड़े रहे ख़ालिद गुल उन कई पत्रकारों में से एक हैं जिनके  घर पुलिस ने अन्य पत्रकारों को ऑनलाइन धमकी मिलने के संबंध में पिछले महीने छापे मारे थे.

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ख़ालिद गुल. (फोटो साभार: फेसबुक)

कश्मीर के अख़बार ग्रेटर कश्मीर से लंबे समय तक जुड़े रहे ख़ालिद गुल उन कई पत्रकारों में से एक हैं जिनके  घर पुलिस ने अन्य पत्रकारों को ऑनलाइन धमकी मिलने के संबंध में पिछले महीने छापे मारे थे.

ख़ालिद गुल. (फोटो साभार: फेसबुक)

श्रीनगर: पुलिस ने 2017 के एक मामले में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले से एक पत्रकार को मंगलवार को गिरफ्तार किया.

अधिकारियों ने बताया कि खालिद गुल को अनंतनाग शहर से गिरफ्तार किया गया. वह उन कई पत्रकारों में से एक हैं, जिनके आवास पर पुलिस ने अन्य पत्रकारों को ऑनलाइन धमकी मिलने के संबंध में छापा मारा था.

यह स्पष्ट नहीं हुआ कि उन पर मामले में क्या आरोप लगाए गए हैं.

गुल कई साल तक स्थानीय दैनिक अखबार ‘ग्रेटर कश्मीर’ से जुड़े रहे थे, सबसे हालिया वक्त में वे दक्षिणी कश्मीर ब्यूरो प्रमुख थे.

अखबार ने बताया कि गुल इस साल की शुरुआत में इस प्रकाशन को छोड़ चुके हैं.

द वायर  ने नवंबर में बताया था कि ‘कश्मीर फाइट’ ब्लॉग द्वारा पत्रकारों को दी गई जान से मारने की धमकी, जो 12 नवंबर को टेलीग्राम और वॉट्सऐप प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हुई, को लेकर कश्मीर में 19 जगह छापे मारे गए थे. इनमें कश्मीर रीडर के मालिक हाजी हयात का आवास भी शामिल था. श्रीनगर का यह अंग्रेजी दैनिक विरोधात्मक संपादकीय नीति के लिए जाना जाता है.

गुल के आवास पर भी इसी समय छापा पड़ा था. वह वर्तमान में एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, लेकिन पहले वे जिस ग्रेटर कश्मीर के लिए काम करते थे, उसका भी नाम धमकी भरे पत्र में था.

गौरतलब है कि रॉयटर्स के मुताबिक, पुलिस ने पत्रकारों को मिली धमकियों के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसकी इकाई रिजिस्टेंस फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया था.

ऑनलाइन पोस्ट के जरिये ‘कश्मीर के तीन मीडिया हाउस के कर्मचारियों को केंद्र सरकार समर्थित और भारतीय सेना द्वारा प्रायोजित’ होने और ‘फेक नैरेटिव फैलाने’ के लिए धमकी दी गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पत्रकार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का ‘सहयोग’ करते हैं.

इस धमकी के बाद इन मीडिया संगठनों से जुड़े पांच पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)