यूपी: छात्रों से इक़बाल की कविता ‘लब पे आती है दुआ’ का पाठ कराने पर विवाद, प्रिंसिपल निलंबित

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के फ़रीदपुर स्थित एक सरकारी स्कूल का मामला. विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय पदाधिकारियों ने धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाते हुए स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षामित्र के ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कराई है. 

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(फोटो साभार: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के फ़रीदपुर स्थित एक सरकारी स्कूल का मामला. विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय पदाधिकारियों ने धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाते हुए स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षामित्र के ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कराई है.

(फोटो साभार: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

बरेली: सुबह की प्रार्थना के दौरान मोहम्मद इकबाल की कविता ‘लब पे आती है दुआ’ का पाठ करने वाले छात्रों का एक वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल और एक शिक्षामित्र के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

जिले के फरीदपुर स्थित एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी को इस संबंध में निलंबित कर दिया गया है, जबकि शिक्षामित्र वजरुद्दीन के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय पदाधिकारियों ने दोनों के खिलाफ फरीदपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.

‘लब पे आती है दुआ’ 1902 में मोहम्मद इकबाल द्वारा लिखी गई थी, जिन्हें अल्लामा इकबाल के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ जैसा गीत भी लिखा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए, बरेली) विनय कुमार ने कहा, ‘स्कूल में एक प्रार्थना कराई जा रही थी, जिसमें कुछ ऐसा कहा गया था, ‘अल्लाह इबादत करना’. यह निर्धारित प्रार्थना नहीं है, इसलिए स्कूल के प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है. मैंने शिक्षा मित्र के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं.’

विश्व हिंदू परिषद के कुछ पदाधिकारियों ने इसे मदरसे वाली प्रार्थना बताकर प्रिंसिपल और शिक्षामित्र के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, विहिप के सदस्यों ने दावा किया है कि ऐसी प्रार्थनाओं का विरोध करने वाले छात्रों को धमकी दी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ‘पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में वीएचपी पदाधिकारी ने आरोप लगाया है, ‘प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और वजीरुद्दीन हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के इरादे से मुस्लिम पद्धति से छात्रों से नमाज पढ़वा रहे थे. यह छात्रों को इस्लाम के प्रति आकर्षित करने के लिए किया जा रहा था. दोनों शिक्षक हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं और छात्रों के धर्मांतरण की तैयारी कर रहे हैं.’

इस सरकारी स्कूल कक्षा 1 से 8 तक करीब 265 छात्र हैं.

इस संबंध में 62 वर्षीय नाहिद सिद्दीकी ने कहा कि जब कथित घटना हुई तब वह स्कूल में नहीं थीं. वह बीते 12 दिसंबर से छुट्टी पर गई थीं.

अगले साल मार्च में रिटायर होने जा रहीं प्रिंसिपल ने कहा, ‘मैं मेडिकल लीव पर हूं. छुट्टी पर जाने से पहले हम प्रतिदिन राष्ट्रगान के साथ निर्धारित प्रार्थना ‘ऐ शक्ति हमें देना दाता’ का पाठ करते थे. मेरी गैरहाजिरी में शिक्षामित्र ने सुबह की सभा के दौरान ‘लब पे आती है दुआ’ का पाठ करवाया. इससे पहले जब शिक्षामित्र ने मुझे इस प्रार्थना को पढ़ने के लिए कहा था तो मैंने मना कर दिया था.’

उन्होंने कहा, ‘मैं 31 मार्च को रिटायर होने वाली हूं. मैं अपने रिटायरमेंट का इंतजार कर रही हूं, क्योंकि हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों से पीड़ित हूं. मेरे पैर में तीन बार फ्रैक्चर हो चुका है और मैं बिना बैसाखियों के चल भी नहीं सकती.’

 

मालूम हो कि इससे पहले 2019 में राज्य के पीलीभीत जिले के एक सरकारी स्कूल में यही गीत ‘लब पे आती है दुआ’ छात्रों द्वारा गाए जाने के बाद एक प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया था. इस मामले में भी विहिप द्वारा शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)