केरल में पीएफआई से जुड़े 56 ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी

प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के सहयोग से शुरू हुई. कहा जा रहा है कि एनआईए को कई आतंकी गतिविधियों और हत्याओं में शामिल पीएफआई कैडर के ख़िलाफ़ विशेष इनपुट प्राप्त हुए थे.

(फोटो साभार: एएनआई)

प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के सहयोग से शुरू हुई. कहा जा रहा है कि एनआईए को कई आतंकी गतिविधियों और हत्याओं में शामिल पीएफआई कैडर के ख़िलाफ़ विशेष इनपुट प्राप्त हुए थे.

(फोटो साभार: एएनआई)

तिरुवनंतपुरम: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने गुरुवार को केरल में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दूसरे दर्जे के नेताओं के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की.

केरल पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बुधवार देर रात शुरू हुई छापेमारी अब भी जारी है.

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने गुरुवार को पीएफआई साजिश मामले में केरल में 56 स्थानों पर छापेमारी की.

छापेमारी पीएफआई के कैडर के साथ जुड़ाव रखने वाले कई संदेहियों के घर और कार्यालय पर की गई.

गौरतलब है कि एनआईए की अगुवाई वाली कई जांच एजेंसी की टीम ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में सितंबर में 15 राज्यों में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के शीर्ष नेताओं सहित कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था.

अधिकारियों ने तब इस बड़ी कार्रवाई को पीएफआई के खिलाफ ‘अब तक की सबसे बड़ी जांच प्रक्रिया’ के रूप में वर्णित किया था.

इन छापों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से संबंध होने के चलते ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था. यह कार्रवाई आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत की गई थी.

बहरहाल, छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के सहयोग से शुरू हुई. इस संबंध में एनआईए को पीएफआई कैडर के खिलाफ विशेष इनपुट प्राप्त हुए थे, जो कई आतंकी गतिविधियों और कई लोगों की हत्या में शामिल होने के आरोपी हैं. उन पर संजीत (केरल, नवंबर 2021), वी. रामालिंगम (तमिलनाडु, 2019) नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बिबिन (केरल, 2017), शरत (कर्नाटक, 2017), आर. रुद्रेश (कर्नाटक 2017), प्रवीण (कर्नाटक, 2016) और शशि कुमार (तमिलनाडु) की हत्या का आरोप है.

गृह मंत्रालय ने इससे पहले कहा था कि पीएफआई के कार्यकर्ता देश भर में कई आतंकवादी कृत्यों और कई लोगों की हत्या में शामिल रहे हैं. ये नृशंस हत्याएं सार्वजनिक शांति भंग करने और जनता के मन में आतंक का शासन पैदा करने के एकमात्र उद्देश्य के लिए की गईं.

इसने कहा था, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के तार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं. जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं.

साथ ही कहा गया था कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं.

एनआईए इस साल अब तक पीएफआई के खिलाफ देश भर में 150 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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