उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी, उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर कंपनी की खांसी की दवा का सेवन करने के बाद हुई मौत को लेकर सवालों के घेरे में है. औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) ने कहा है कि इस घटनाक्रम से भारतीय फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा ख़राब हुई है.
हैदराबाद: वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) ने शुक्रवार को मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की सदस्यता निलंबित कर दी. उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर कंपनी के खांसी के सीरप के कारण बच्चों की मौत को लेकर जवाब देने में विफल रहने के बाद यह कार्रवाई की गई.
फार्मेक्सिल के सूत्रों ने कहा कि सदस्यता निलंबित होने पर दवा निर्माता को मिलने वाला कुछ प्रोत्साहन बंद हो जाता है. सूत्रों ने कहा, ‘वाणिज्य विभाग द्वारा फार्मेक्सिल के माध्यम से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि तब तक नहीं बढ़ाई जाएगी, जब तक कि निलंबन वापस नहीं ले लिया जाता.’
नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक, उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर कंपनी की खांसी की दवा का सेवन करने के बाद हुई मौत को लेकर सवालों के घेरे में है. मैरियन बायोटेक, एमेनॉक्स समूह की प्रमुख कंपनी है. समूह रियल एस्टेट और अस्पताल संचालन के व्यवसाय में भी है.
फार्मेक्सिल ने बीते 28 दिसंबर को मैरियन बायोटेक को जारी एक नोटिस में कहा था, ‘आपको सलाह दी जाती है कि कथित प्रतिकूल प्रभाव के कारणों की जांच करें और आगे आवश्यक कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द अपने विवरण के बारे में अवगत कराएं. आपकी तरफ से 29 दिसंबर तक जरूरी सूचना उपलब्ध नहीं कराए जाने पर बिना किसी नोटिस के सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.’
मैरियन बायोटेक 2010 से एक छोटे पैमाने के निर्माता और 2016 से व्यापारी निर्यातक के रूप में फार्मेक्सिल के साथ पंजीकृत है.
निर्यात निकाय फार्मेक्सिल ने आगे कहा, ‘कंपनी द्वारा घटिया दवाओं की कथित आपूर्ति के कारण 18 बच्चों की मौत हो गई, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा खराब हुई और भारतीय फार्मा निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के भरोसे पर भी असर पड़ने की संभावना है.’
मालूम हो कि अफ्रीकी देश गांबिया के बाद मध्य एशिया के देश उज्बेकिस्तान की सरकार ने दावा किया था कि कथित तौर पर भारत में निर्मित कफ सीरप (खांसी की दवा) पीने से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई है.
उज्बेकिस्तान के दावों से पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत की हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कफ सीरप से होने की खबरें आई थीं.
उज्बेकिस्तान में सवालों के दायरे में आई कफ सीरप का नाम ‘डॉक-1 मैक्स’ है, जिसका निर्माण मैरियन बायोटेक कंपनी करती है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, इसकी निर्माण इकाई नोएडा में है.
उज्बेकिस्तान के मंत्रालय के अनुसार, प्रयोगशाला परीक्षणों के दौरान ‘डॉक-1 मैक्स’ सीरप की एक खेप में खतरनाक एथिलीन ग्लाइकॉल रसायन मिला है. इसमें विषाक्त तत्व पाए जाते हैं.
इस बीच, मैरियन बायोटेक ने ‘डॉक-1 मैक्स’ का निर्माण फिलहाल बंद कर दिया है. कंपनी के विधि प्रतिनिधि ने बीते 29 दिसंबर को यह जानकारी दी थी. मामले में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी जांच शुरू कर दी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)