मणिपुर सरकार के ड्रग्स के ख़िलाफ़ अभियान पर टिप्पणी के लिए संपादक को हिरासत में लिया गया

मणिपुर के एक टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान राज्य की भाजपा सरकार के ‘ड्रग्स के ख़िलाफ़ अभियान’ पर टिप्पणी करने के लिए स्थानीय अख़बार के संपादक हेमंत कुमार निंगोम्बा उनके आवास से पुलिस ने उन्हें उठा लिया था. हालांकि कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें रिहा कर दिया. कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.

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हेमंत कुमार निंगोम्बा. (फोटो साभार: ट्विटर/@INCManipur)

मणिपुर के एक टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान राज्य की भाजपा सरकार के ‘ड्रग्स के ख़िलाफ़ अभियान’ पर टिप्पणी करने के लिए स्थानीय अख़बार के संपादक हेमंत कुमार निंगोम्बा उनके आवास से पुलिस ने उन्हें उठा लिया था. हालांकि कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें रिहा कर दिया. कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.

हेमंत कुमार निंगोम्बा. (फोटो साभार: ट्विटर/@INCManipur)

नई दिल्ली: मणिपुर पुलिस द्वारा बुधवार को एक मणिपुरी दैनिक के संपादक को ‘पूछताछ के लिए’ हिरासत में लेने का मामला सामने आया है. बताया रहा है कि एक स्थानीय टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान राज्य की भाजपा सरकार के ‘ड्रग्स के खिलाफ अभियान’ पर टिप्पणी करने के लिए उनके आवास से पुलिस ने उन्हें उठा लिया था.

‘सनालीबक’ अखबार के संपादक हेमंत कुमार निंगोम्बा को पुलिस ने कुछ घंटों के लिए हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया. उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हेमंत कुमार ने कहा, ‘मुझे हिरासत में रखना अनावश्यक था. पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी अपनी पूरी फोर्स को मेरे घर पर लाने और मेरे इलाके में भय का माहौल पैदा करने के बजाय मुझे व्यक्तिगत रूप से बुला सकते थे. मैं अपराधी नहीं हूं. मैंने अपनी राय व्यक्त की थी ताकि ड्रग्स के खिलाफ राज्य का अभियान अधिक प्रभावी हो सके.’

हेमंत कुमार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव में उनके योगदान के लिए नवंबर 2022 में राज्य द्वारा सर्वश्रेष्ठ संपादक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

बुधवार को मणिपुर प्रेस क्लब में ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड की एक आपात बैठक भी बुलाई गई थी. इसमें इंफाल पूर्वी जिले के इरिलबंग पुलिस थाने की एक टीम द्वारा तड़के हेमंत कुमार को उनके आवास से उठाए जाने के तरीके की बैठक ने कड़ी निंदा की गई.

समाचार वेबसाइट नॉर्थईस्ट नॉउ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने एक संयुक्त बयान में पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है

पत्रकार संगठनों ने कहा कि एक स्थानीय टीवी चैनल में एक पैनल चर्चा में उनके बयान के लिए जिस तरह से उन्हें पुलिस द्वारा उठाया गया था, उससे समाज में उनकी गरिमा और कद प्रभावित होता है.

बयान में कहा गया है कि संबंधित पुलिस अधिकारी उन्हें ऑफिस टाइमिंग के दौरान के दौरान चर्चा के लिए आमंत्रित कर सकते थे, क्योंकि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.

खबरों के मुताबिक, उन्हें मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले के इरिलबंग पुलिस थाने के अधिकारियों और कर्मचारियों की एक टीम ने उनके खोंगमन स्थित आवास से उठाया था.

पत्रकार संगठनों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि सनालीबक अखबार के संपादक हेमंत कुमार निंगोम्बा एक सम्मानित पत्रकार हैं, कोई फरार व्यक्ति नहीं.

मणिपुर में पत्रकारों के इन संगठनों ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.

बयान में आगे कहा गया है कि अगर इस तरह की घटना फिर से होती है, तो पत्रकार बिरादरी इसे चुपचाप नहीं लेगी और कानूनी कार्रवाई सहित पत्रकारों की सुरक्षा के सभी प्रयास किए जाएंगे.