चर्च में तोड़फोड़ दुर्भाग्यपूर्ण, इसे रोका जाना चाहिए: मेघालय के मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.

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मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा. (फोटो साभार: फेसबुक)

छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा. (फोटो साभार: फेसबुक)

शिलांग: छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने शुक्रवार को कहा कि गिरिजाघरों में तोड़-फोड़ की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए.

पुलिस ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में एक कथित धर्म परिवर्तन के संबंध में आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो जनवरी को एक चर्च में तोड़फोड़ की गई थी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.

संगमा ने बताया, ‘एक गिरिजाघर पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है. बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर हैं और न्याय दिया जाना चाहिए.’

मेघालय सरकार ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में, से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस तरह के अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए.

मुख्यमंत्री ने असम में एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा जारी एक पत्र पर एक प्रश्न का भी जवाब दिया, जिसने पिछले एक साल में स्थापित चर्चों और असम में धर्मांतरण की घटनाओं का विवरण मांगा था.

संगमा ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जो वास्तव में अनुचित है. असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह सरकार द्वारा दिया गया निर्देश नहीं था, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया था और उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे और उसे निरस्त कर दिया जाएगा.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस बीच मेघालय में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. भगवा पार्टी ने छत्तीसगढ़ में बर्बरता की ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया.

भाजपा के राज्य पार्टी प्रमुख अर्नेस्ट मावरी ने कहा, ‘चर्चों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई. ईसाइयों पर हमला कर घायल किया गया है और वहां की कांग्रेस सरकार निश्चिंत है. ऐसे अपराध सिर्फ कांग्रेस शासित राज्य में ही हो सकते हैं.’

राज्य कांग्रेस ने कहा कि उसने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर दो जनवरी को चर्च पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस नेता पीएन सईम ने कहा, ‘ये सभी आपराधिक कृत्य कांग्रेस सरकार (छत्तीसगढ़ में) को बदनाम करने के लिए किए गए हैं. हम जानते हैं कि कांग्रेस (वहां) का इससे कोई लेना-देना नहीं था.’

मेघालय में क्षेत्रीय दलों, सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी के सभी सहयोगियों ने भी चर्च हमले पर चिंता व्यक्त की है.

यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव जेमिनो मावथोह ने कहा, ‘हम सर्वसम्मति से इस तरह की बर्बरता की निंदा करते हैं और अल्पसंख्यकों पर इस तरह के खुले हमले केवल यह संकेत देते हैं कि सरकार घृणा अपराधों पर नरम बनी हुई है. हम इसमें शामिल सभी लोगों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं.’

मालूम हो कि कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में दो जनवरी को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी. जिनमें ज्यादातर आदिवासी थे. सभा में आदिवासियों के एक समूह ने कथित धर्मांतरण पर चर्चा की, जिसके बाद वे कथित रूप से विश्व दीप्ति क्रिश्चियन स्कूल परिसर में घुस गए और एक चर्च में तोड़फोड़ की थी.

इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो स्थानीय नेता सहित कई लोगों को मंगलवार (3 जनवरी) को गिरफ्तार किया गया था.

इस बीच मेघालय के प्रमुख ईसाई संगठनों ने ‘देश में ईसाई समुदाय को निशाना बनाने के बढ़ते मामलों’ पर चिंता व्यक्त करते हुए इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गहरी चुप्पी’ पर अफसोस जताया है.

देश भर में ईसाई समुदाय के प्रति अपनी एकजुटता दिखाते हुए ईसाई संगठनों ने विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को पूरे देश में ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने का आह्वान करते हुए हिंसा और नफरत फैलाने वाले अपराधियों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)