उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर स्थित हिंदू कॉलेज का मामला. छात्राओं का आरोप है कि उन्हें कॉलेज गेट पर बुर्का उतारने के लिए मजबूर किया गया. इस मामले को लेकर छात्रों, समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं और निर्धारित नियमों पर अड़े रहे कॉलेज शिक्षकों के बीच झड़प भी हुई थी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर स्थित हिंदू कॉलेज की कुछ छात्राओं को यहां निर्धारित ड्रेस कोड के बावजूद बुर्का पहनने के कारण कॉलेज में प्रवेश नहीं देने का मामला सामने आया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, छात्राओं का आरोप है कि उनका कॉलेज उन्हें बुर्का पहनकर कॉलेज परिसर में प्रवेश नहीं करने दे रहा था और उन्हें गेट पर जबरन बुर्का उतारने पर मजबूर किया गया.
इसे लेकर छात्रों, समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं और निर्धारित नियमों पर अड़े रहे कॉलेज शिक्षकों के बीच झड़प भी हो गई थी, जिससे संबंधित एक कथित वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है.
इस बीच कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने यहां छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है और जो कोई भी इसका पालन करने से इनकार करेगा, उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा.
इस पर समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने बुर्का को कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल करने और लड़कियों को इसे पहनकर अपनी कक्षाओं में जाने की अनुमति देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है.
उडुपी जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में सबसे पहले तब शुरू हुआ था, जब छह लड़कियां दिसंबर 2021 में हिजाब पहनकर कक्षा में आईं और उन्हें कॉलेज में प्रवेश से रोक दिया गया. उनके हिजाब पहनने के जवाब में कॉलेज में हिंदू विद्यार्थी भगवा गमछा पहनकर आने लगे और धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया था.
फरवरी 2022 में कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. छात्राओं ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करके कक्षा के भीतर हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया था.
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर उपजे विवाद से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए 15 मार्च 2022 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और उसने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने संबंधी मुस्लिम छात्राओं की खाचिकाएं खारिज कर दी थीं और राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार रखा था.
उसी दिन इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को खंडित फैसला सुनाया था, जिसके बाद इस संवेदनशील मामले को प्रधान न्यायाधीश के पास भेज दिया, ताकि इस पर चर्चा के लिए एक वृहद पीठ का गठन किया जा सके.