पिछले साल राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने का ख़ुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा. इसके ख़िलाफ़ देहरादून में बेरोज़गार युवाओं के समूह प्रदर्शन कर रहे हैं.
देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले, पेपर लीक और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर गुरुवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए.
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि इस संबंध में कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर सुद्धोवाला जेल भी भेजा गया है.
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार से जारी बेरोजगारों के प्रदर्शन ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया.
बताया गया है कि प्रदर्शनस्थल से बुधवार देर रात कथित तौर पर जबरन उठाए जाने से आक्रोशित युवाओं की पुलिस से जोरदार झड़प हुई. आरोप है कि उन्होंने पुलिस पर पत्थर भी फेंके. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ युवक घायल हो गए. बाद में युवाओं को हिरासत में लेकर सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिन में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने गुरुवार देर रात बेरोजगार युवा संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और 12 अन्य को गिरफ्तार किया है. देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने कहा कि देहरादून जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है.
इससे पहले दिन सैकड़ों बेरोजगार युवाओं के एक वर्ग, सामाजिक संगठनों और विपक्ष के सदस्यों ने विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक और कई भर्ती परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच करवाने को लेकर सड़कों पर उतरे थे.
उल्लेखनीय है कि राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के लीक होने का पिछले साल खुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा.
इन घोटालों की जांच के लिए गठित पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है.
राज्य सरकार के परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोकसेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी धांधलियों का सिलसिला नहीं थमा है. इस साल आठ जनवरी को आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के भी कुछ प्रश्न कथित तौर पर लीक हो गए जिसके बाद उसे रद्द करना पड़ा. यह परीक्षा अब दोबारा 12 फरवरी को होनी है.
भर्ती परीक्षा घोटालों की सीबीआई से जांच के अलावा बेरोजगार युवाओं की यह भी मांग है कि परीक्षाएं आयोजित करने वाले आयोग के घोटाले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए और नई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद ही किया जाए.
उन्होंने परीक्षा में नकल करवाने वालों के अलावा नकल करने वाले अभ्यर्थियों के नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की.
बेरोजगार युवा संगठन ने शुक्रवार को ‘उत्तराखंड बंद’ का आह्वान किया है. कांग्रेस ने भी इसे राज्य सरकार की ‘युवाओं की आवाज दबाने का प्रयास’ बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि युवाओं पर किए इस अत्याचार के विरोध में पार्टी शुक्रवार को हर जिले में प्रदर्शन करेगी.
इससे पहले बुधवार को यूनियनों और सामाजिक संगठनों ने पेपर लीक घोटालों के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए थे. एक समूह ने शिक्षा मंत्री के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया किया, जबकि दूसरा समूह गांधी पार्क में पूरी रात विरोध करता रहा.
बेरोजगार संघ के सुरेश सिंह ने कहा, ‘पुलिस की उपस्थिति के बीच शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. हालांकि, बुधवार आधी रात के बाद, पुलिस ने हमें गांधी पार्क से हटा दिया और हमारे साथ दुर्व्यवहार किया. महिला प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थीं. उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.’
गांधी पार्क से हटाए गए प्रदर्शनकारियों में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे आनंद रावत भी शामिल थे. पुलिस कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. गुरुवार दोपहर तक आसपास के जिलों के हजारों छात्रों, प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों ने क्लॉक टॉवर, गांधी पार्क और मुख्य मार्ग, राजपुर रोड के आसपास की सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे राहगीर, स्कूली छात्र व अभिभावक घंटों जाम में फंसे रहे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस प्रदर्शन के दौरान पथराव करने वालों की पहचान कर रही है. प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में हुए सभी पेपर लीक घोटालों की हाईकोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में एक निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग को लेकर नारेबाजी भी की.
एक प्रदर्शनकारी राम कंडवाल ने अख़बार से कहा, ‘निष्पक्ष जांच की मांग में कुछ भी गलत नहीं है. 12 फरवरी को पटवारी परीक्षा होनी है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के कारण कोई अन्य परीक्षा बर्बाद न हो. छात्र वास्तव में प्रयास कर रहे हैं लेकिन मंत्रियों और राजनेताओं के रिश्तेदार पद ले रहे हैं और बैक-डोर एंट्री के जरिये पैसे कमा रहे हैं.’
मुख्यमंत्री ने दोषियों को सज़ा का आश्वासन दिया
इससे पहले गुरुवार दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
धामी ने कहा, ‘हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है. पहले की तरह हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है और न छुपाया है. जितने भी मामले सामने आए, हमने उनकी जांच कराकर दोषियों को जेल भेजा है.’
उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने जा रही है. उन्होंने कहा, ‘देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून हम लेकर आ रहे हैं. ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है कि भविष्य में होने वाली सारी परीक्षाएं पारदर्शी और नक़ल विहीन हों.’
मुख्यमंत्री ने युवाओं से किसी के ‘बहकावे’ में न आने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है और प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
देहरादून में परेड ग्राउंड के चारों तरफ निषेधाज्ञा लागू, लाठीचार्ज की घटना की जांच के आदेश
इसके बाद उत्तराखंड में युवाओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड के चारों ओर 300 मीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी .
यह निषेधाज्ञा भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के जारी प्रदर्शनों को देखते हुए लागू की गई है.
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू से मामले की रिपोर्ट जल्द देने को कहा है.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को यहां गांधी पार्क में बेरोजगार संघ के धरने और गुरुवार को धरने के दौरान हुए पथराव की वजह से क़ानून-व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी. मुख्यमंत्री ने क़ानून व्यवस्था की विषम परिस्थिति तथा लाठीचार्ज के पूरे घटनाक्रम की विस्तृत मजिस्ट्रेट जांच के लिए मुख्य सचिव एसएस संधू को निर्देशित किया है.
युवाओं के आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री ने सख्त प्रावधानों वाले उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन देते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया है.
इस अध्यादेश में नकल करने और नकल करवाने वाले दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा और 10 करोड रुपए तक के जुर्माने से लेकर भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक और अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित संपत्ति की कुर्की तक के सख्त प्रावधान हैं और इसमें अपराध को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)