सीबीएसई ने 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर रोक लगाई

नवंबर 2022 में शुरू हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर चैटजीपीटी दिए गए इनपुट के आधार पर बोलने, गाने, मार्केटिंग कॉपी, समाचार लेख और निबंध लिखने या मानव-समान शब्द उत्पन्न करने में सक्षम है. 

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(फोटो साभार: chat.openai.com)

नवंबर 2022 में शुरू हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर चैटजीपीटी दिए गए इनपुट के आधार पर बोलने, गाने, मार्केटिंग कॉपी, समाचार लेख और निबंध लिखने या मानव-समान शब्द उत्पन्न करने में सक्षम है.

(फोटो साभार: chat.openai.com)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आगामी कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर चैटजीपीटी (ChatGPT) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

बुधवार (15 फरवरी) से शुरू 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से ठीक पहले बोर्ड की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं, जिनके मुताबिक ‘मोबाइल, चैटजीपीटी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को परीक्षा हॉल में ले जाने की अनुमति नहीं होगी.’

द हिंदू की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी है.

बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि चैटजीपीटी का इस्तेमाल परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने जैसा होगा.

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘छात्रों को परीक्षा केंद्र के अंदर कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है. इसमें चैटजीपीटी चलाने वाले उपकरण का इस्तेमाल भी शामिल है, ताकि अनुचित माध्यमों का उपयोग न किया जा सके.’

चैटजीपीटी (चैट जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर), जो नवंबर 2022 में लॉन्च हुआ था, दिए गए इनपुट के आधार पर भाषण, गाने, मार्केटिंग कॉपी, समाचार लेख और छात्र निबंध लिखने या मानव-समान शब्द बनाने में सक्षम है.

नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रणाली, जिसे एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) के तौर पर जाना जाता है, को आगामी शब्द अनुक्रमों की भविष्यवाणी करके मानव-समान लेखन उत्पन्न करने के लिए डिजाइन किया गया है.

परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र में एक चेतावनी निर्देश भी है जिसमें कहा गया है, ‘आपको किसी भी अनुचित कार्य में शामिल नहीं होना चाहिए. अगर आप ऐसा करते पाए जाते हैं तो आप पर अनुचित साधन (यूएफएम) गतिविधि के तहत मामला दर्ज होगा और बोर्ड के नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए फर्जी वीडियो और संदेशों पर विश्वास न करें. अफवाहें भी न फैलाएं. आप पर अनुचित साधन नियमों के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.’