जो टीपू सुल्तान के कट्टर अनुयायी हैं, उन्हें जीवित नहीं रहना चाहिए: कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष

एक कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा कि हम भगवान राम, भगवान हनुमान के भक्त हैं. हम भगवान हनुमान की प्रार्थना और पूजा करते हैं. हम टीपू के वंशज नहीं हैं. आइए टीपू के वंशजों को घर वापस भेज दें.

नलिन कुमार कतील. (फोटो साभार: फेसबुक)

एक कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा कि हम भगवान राम, भगवान हनुमान के भक्त हैं. हम भगवान हनुमान की प्रार्थना और पूजा करते हैं. हम टीपू के वंशज नहीं हैं. आइए टीपू के वंशजों को घर वापस भेज दें.

नलिन कुमार कतील. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चित कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने लोगों से मैसूर के 18वीं शताब्दी के शासक टीपू सुल्तान के सभी ‘कट्टर अनुयायियों’ को ‘मारने’ की अपील की है. उन्होंने घोषणा की कि टीपू सुल्तान के वंशजों को खदेड़ कर जंगलों में भेज देना चाहिए.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के दक्षिणपंथी समूह टीपू सुल्तान को एक कट्टर अत्याचारी के रूप में देखते हैं, जिसने जबरदस्ती हजारों लोगों का धर्म परिवर्तन कराया थी. वहीं, उनकी जयंती लगातार दो वर्षों तक सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा मनाई गई, जो उन्हें सबसे शुरुआती स्वतंत्रता सेनानियों में से एक के रूप में देखती है.

कर्नाटक में कोप्पल जिले के येलबुर्गा कस्बे में एक कार्यक्रम के दौरान कतील ने कहा, ‘हम भगवान राम, भगवान हनुमान के भक्त हैं. हम भगवान हनुमान की प्रार्थना और पूजा करते हैं. हम टीपू के वंशज नहीं हैं. आइए टीपू के वंशजों को घर वापस भेजें.’

उन्होंने कहा, ‘मैं यहां के लोगों से पूछता हूं कि आप भगवान हनुमान की पूजा करते हैं या टीपू की? फिर क्या आप उन लोगों को जंगल भेजेंगे, जो टीपू के कट्टर अनुयायी हैं? इस बारे में सोचें. क्या आपको लगता है कि इस राज्य को भगवान हनुमान भक्तों या टीपू के वंशजों की आवश्यकता है? मैं चुनौती दे रहा हूं, जो लोग टीपू के कट्टर अनुयायी हैं, उन्हें इस उपजाऊ धरती पर जीवित नहीं रहना चाहिए.’

रिपोर्ट के अनुसार, मैसूर शासक टीपू सुल्तान कर्नाटक में ध्रुवीकरण का मुद्दा बन गए हैं. टीपू बनाम हनुमान की बहस कर्नाटक में 2018 के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई थी.

अपनी एक रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कर्नाटक ‘हनुमान की भूमि’ है, जिस पर तत्कालीन विजयनगर साम्राज्य का शासन था.

उन्होंने कहा था, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि कांग्रेस, हनुमान और विजयनगर की पूजा करने के बजाय, टीपू सुल्तान की पूजा कर रही थी. अगर कर्नाटक कांग्रेस को एक बार में खारिज कर देता है, तो कोई और टीपू सुल्तान की पूजा करने नहीं आएगा.’

इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक भाजपा प्रमुख कतील ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि राज्य में आने वाले विधानसभा चुनाव ‘टीपू बनाम सावरकर’ के बारे में हैं. उन्होंने कहा था, ‘उन्होंने (कांग्रेस) टीपू जयंती मनाने की अनुमति दी, जिसकी आवश्यकता नहीं थी और सावरकर के बारे में अपमानजनक बात की.’

अप्रैल-मई में कर्नाटक की 224 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं.