दिल्ली: बीते तीन सालों में सौ करोड़ से अधिक महिलाओं ने ‘पिंक पास’ के ज़रिये बस में निशुल्क यात्रा की

2019 में आम आदमी पार्टी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के लिए पिंक पास (टिकट) शुरू करते हुए  निशुल्क बस यात्रा योजना लाई थी. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिंक पास का उपयोग करने वाली यात्रियों की संख्या एक महीने में यात्रा करने वाले यात्रियों की कुल संख्या का लगभग 33 प्रतिशत है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

2019 में आम आदमी पार्टी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के लिए पिंक पास (टिकट) शुरू करते हुए  निशुल्क बस यात्रा योजना लाई थी. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिंक पास का उपयोग करने वाली यात्रियों की संख्या एक महीने में यात्रा करने वाले यात्रियों की कुल संख्या का लगभग 33 प्रतिशत है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की सार्वजनिक बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करने वाले ‘पिंक पास’ (टिकट) ने 100 करोड़ का आंकड़ा छू लिया है और महिलाओं की सवारियां 2020-21 में 25 प्रतिशत और 2021-22 में 28 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 33% हो गई हैं.

यह जानकारी दिल्ली सरकार के आंकड़ों में दी गई है. उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना 2019 में शुरू की गई थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 2022 के आंकड़ों के अनुसार, पिंक पास का उपयोग करने वाली यात्रियों की संख्या एक महीने में यात्रा करने वाले यात्रियों की कुल संख्या का लगभग 33 प्रतिशत है.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. दिल्ली ने दिखाया है कि कैसे मुफ्त बस यात्रा योजना शहर में महिलाओं को सशक्त बना सकती है. पिछले कुछ वर्षों में महिला बस यात्रियों की बढ़ती संख्या ने इसके प्रभाव को दिखाया है और इससे उन्हें कितना फायदा हुआ है.’

अमर उजाला के अनुसार, गहलोत ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक जारी किए गए पिंक पास पर सरकार ने कुल 1.000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. योजना की शुरुआत के बाद बसों में पिंक टिकट का इस्तेमाल करने वाली यात्रियों की संख्या 2020-21 में 25%, 2021-22 में 28% बढ़ी थी.

दिल्ली में 7,300 से अधिक बसों का बेड़ा है- 4,060 डीटीसी और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (क्लस्टर) 3,319 बसें – जो 400 से अधिक शहरी मार्गों पर चलती हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बसों में सवारियां जल्द ही कोविड महामारी से पहले के स्तर को छू लेंगी. 2022 में डीटीसी और क्लस्टर बसों में औसतन 36 लाख यात्रियों ने रोज सफर किया.

आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019-20 में दिल्ली की बसों में सवारियों की संख्या 160 करोड़ से अधिक थी. कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह संख्या घटकर 71 करोड़ पर आ गया.

इसके बाद 2021-22 में इसने 93 करोड़ पर पहुंचकर मामूली बढ़त दर्ज की. अप्रैल 2022 से अब तक यह संख्या लगभग 125 करोड़ तक पहुंच गया है, जो कोविड पूर्व संख्या का लगभग 75 प्रतिशत है.

बताया गया है कि दिल्ली की सभी बसें जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और बस मार्शल से लैस हैं.

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