राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि कथित गोरक्षकों के दो गुट भिवानी हत्याकांड में शामिल थे. एक गुट मेवात क्षेत्र में सक्रिय है और दूसरा गुट हरियाणा के जींद-भिवानी-करनाल इलाकों में काम करता है. पुलिस के मुताबिक़, घटना वाले दिन दोनों मिलकर काम कर रहे थे.
नई दिल्ली: राजस्थान पुलिस के जांचकर्ताओं ने कहा है कि कम से कम दो कथित गोरक्षक समूह 15 फरवरी को 15 घंटे से अधिक समय तक घायल जुनैद और नासिर के साथ कथित रूप से पूरे हरियाणा में घूमते रहे थे, जिसके बाद अगली सुबह उनके शव एक चारपहिया वहां में जले हुए पाए गए.
ज्ञात हो कि जुनैद और नासिर 15 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर से लापता हो गए थे और उनके जले हुए शव एक दिन बाद हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे.
पुलिस सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि दो गुट- एक मेवात क्षेत्र से, जिसमें हरियाणा और राजस्थान के इलाके शामिल हैं, और दूसरा हरियाणा के जींद, भिवानी, करनाल से था- जुनैद और नासिर की हत्या में कथित रूप से शामिल थे.
उन्होंने कहा कि पुलिस अपहरण और हत्या के आरोप में दर्ज मामले में अपनी जांच के तहत ऐसे और समूहों की संभावित संलिप्तता की जांच कर रही है.
मालूम हो कि राजस्थान के घाटमीका गांव के दो निवासी- जुनैद और नासिर 14 फरवरी की सुबह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए बोलेरो कार से घर से निकले थे और कभी नहीं लौटे. उनके परिवारों ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के सदस्यों ने जुनैद और नासिर की हत्या कर दी और पुलिस से संपर्क किया.
जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल की शिकायत के आधार पर राजस्थान के भरतपुर में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. मृतकों के परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया. मामले के आरोपियों में से तीन के हरियाणा पुलिस के मुखबिर होने की बात सामने आई है. वहीं, मोनू मानेसर हरियाणा सरकार की गो सुरक्षा टास्क फोर्स का सदस्य है.
राजस्थान पुलिस के अनुसार, अब तक जिन नौ आरोपियों की भूमिका की पुष्टि हो चुकी है, उनके अलावा कम से कम एक दर्जन से अधिक संदिग्धों की संलिप्तता की जांच की जा रही है. भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि जिस स्कॉर्पियो में गोरक्षक दोनों पीड़ितों को ले गए, वह हरियाणा के जींद की एक गोशाला में मिली है.
अखबार से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमारी अब तक की जांच में हमने पाया कि गोरक्षकों के दो गुट अपराध में शामिल थे. आरोपी रिंकू सैनी, अनिल और श्रीकांत का एक गुट मेवात क्षेत्र में सक्रिय है. 15 फरवरी को यह गुट एक अन्य गुट के साथ मिलकर काम कर रहा था जिसमें आरोपी मोनू राणा, कालू, विकास, शशिकांत, किशोर और गोगी शामिल थे. दूसरा गुट हरियाणा के जींद-भिवानी-करनाल इलाकों में सक्रिय है.’
उनमें से आठ को राजस्थान पुलिस द्वारा बुधवार को जारी वांछित आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है, इनमें सैनी शामिल नहीं है जिसे गिरफ्तार किया जा चुका है. मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर का नाम, जिसे पहले एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था, सूची में नहीं है लेकिन पुलिस ने कहा है कि वह अभी भी एक संदिग्ध है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दो गोरक्षक समूहों ने 15 फरवरी की सुबह जुनैद और नासिर को पकड़ लिया, लेकिन उन्हें दोनों के पास कोई गाय नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने हरियाणा में प्रवेश करने से पहले दोनों को बुरी तरह पीटा. इसके बाद बात हाथ से निकल गई. दोनों को उठाने के दो घंटे के भीतर वे उन्हें सौंपने के लिए हरियाणा पुलिस के पास गए. लेकिन उन दोनों को गंभीर रूप से घायल देखते हुए हरियाणा पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने से इनकार कर दिया.’
अधिकारी ने कहा, ’15 फरवरी की सुबह से कथित गोरक्षक हरियाणा में 16-17 घंटे तक तब तक घूमते रहे जब तक कि शवों को जला नहीं दिया गया. आरोपी गोरक्षक स्कॉर्पियो में थे. बोलेरो, जिसे पीड़ित पकड़े जाने से पहले चला रहे थे, को भी आधी रात तक गोरक्षकों ने चलाया और हरियाणा के लोहारू में बोलेरो के साथ ही दोनों लोगों के शवों को आग लगा दी गई.’
भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने उक्त स्कॉर्पियो को ‘मामले में बेहद महत्वपूर्ण सबूत’ बताया है.
आईजी ने कहा, ‘उस सफेद स्कॉर्पियो को दो आरोपी चला रहे थे. तकनीकी साक्ष्य से उस वाहन की जींद और भिवानी में मूवमेंट का पता चला है. हमें जींद के श्री सोमनाथ गोशाला परिसर में वाहन का पता लगा और उसे बरामद कर लिया गया. वाहन को हरियाणा पुलिस की मौजूदगी में जब्त किया गया था और कार की सीटों पर खून मिला था, जो संभवतः उन दो मृतकों का था जिनके साथ गाड़ी में मारपीट की गई थी.’
श्रीवास्तव के अनुसार, पुलिस को पहले ही गिरफ्तार किए गए रिंकू सैनी से पूछताछ के बाद घटना के बारे में अधिक जानकारी मिली.
उन्होंने कहा, ‘आरोपियों के दावों को सत्यापित करना जरूरी है… हम तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड आदि के आधार पर आगे बढ़े. रिंकू सैनी के अलावा आठ और लोगों की पहचान की गई है और घटना में उनकी संलिप्तता स्पष्ट है. रिंकू के अलावा दो और लोगों- मुल्तान निवासी अनिल और मरोदा निवासी श्रीकांत को पहले से ही एफआईआर में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है.’
श्रीवास्तव ने कहा कि मेवात के बाहर के छह अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है, जिनमें कैथल का कालू, भिवानी से मोनू राणा और गोगी, जींद से विकास, करनाल के शशिकांत और घरौंदा से किशोर शामिल हैं.
राजस्थान के एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन ने कहा कि गोरक्षकों ने जुनैद और नासिर को राजस्थान के पिरूका-नौगांव इलाके से उठाया था. सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता गोरक्षकों की हरियाणा में जींद से लोहारू तक की करीब 145 किलोमीटर की यात्रा के बारे में भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.