त्रिपुरा: चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच करने गए संसदीय दल पर हमला

भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित त्रिपुरा में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई थीं, जिनकी जांच करने के लिए एक सात सदस्यीय संसदीय दल त्रिपुरा के दौरे पर है. आरोप है कि संसदीय दल जब सिपाहीजाला ज़िले के हिंसा प्रभावित विशालगढ़ गए तो सत्ताधारी भाजपा समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया.

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त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा से प्रभावित एक स्थान का जायजा लेता संसदीय दल. (फोटो साभार: ट्विटर/@AARahimdyfi)

भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित त्रिपुरा में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई थीं, जिनकी जांच करने के लिए एक सात सदस्यीय संसदीय दल त्रिपुरा के दौरे पर है. आरोप है कि संसदीय दल जब सिपाहीजाला ज़िले के हिंसा प्रभावित विशालगढ़ गए तो सत्ताधारी भाजपा समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया.

त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा से प्रभावित एक स्थान का जायजा लेता संसदीय दल. (फोटो साभार: ट्विटर/@AARahimdyfi)

गुवाहाटी: भाजपा शासित त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा की जांच करने और प्रभावित लोगों से बात करने शुक्रवार को आए संसदीय दल पर हमला किया गया. दल दो दिवसीय दौरे पर आया है.

एनडीटीवी के मुताबिक, त्रिपुरा में माकपा के राज्य सचिव और पूर्व मंत्री जितेंद्र चौधरी ने कहा कि कल (शुक्रवार) शाम बीसलगढ़ के नेहलचंद्र नगर बाजार में हुए ‘जघन्य हमले’ के कारण संसदीय दल को आज (शनिवार) अपने निर्धारित शेष बाहरी कार्यक्रमों को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

कांग्रेस और माकपा के सूत्रों ने कहा कि जब संसदीय दल के सदस्य सिपाहीजाला जिले के हिंसा प्रभावित विशालगढ़ गए तो सत्ताधारी भाजपा समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और तीन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

माकपा ने एक बयान में कहा, ‘सांसद और उनके साथ गए कांग्रेस और माकपा नेता तुरंत वहां से चले गए और बड़े हमले से बच गए.’

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी त्रिपुरा के मोहनपुर में संसदीय दल के दौरे में भी बाधा डाली.

पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि स्थानीय विधायकों और नेताओं के साथ सांसदों को विशालगढ़ के नेहलचंद्र नगर में एक अनिर्धारित दौरे के दौरान नारेबाजी का सामना करना पड़ा.

पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘साथ में गए पुलिस रक्षक दल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षित निकाल लिया. वरिष्ठ अधिकारी मौके पर ही थे. किसी भी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है. 2-3 वाहनों को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है. एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. अन्य उपद्रवियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने घटना की निंदा की है.

उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल पर आज (शुक्रवार) त्रिपुरा के विशालगढ़ और मोहनपुर में भाजपा के गुंडों ने हमला किया. प्रतिनिधिमंडल के साथ गई पुलिस ने कुछ नहीं किया और कल (शनिवार) भाजपा वहां एक विजय रैली कर रही है. पार्टी प्रायोजित हिंसा की विजय.’

संसदीय दल में शामिल राज्यसभा सदस्य एए रहीम ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘त्रिपुरा में भाजपा द्वारा की जा रही हिंसा आतंकवाद से कम नहीं है. विपक्षी कार्यालयों को व्यवस्थित रूप से नष्ट करना और पार्टी के सदस्यों को निशाना बनाना लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला है. यह जरूरी है कि देश भर की लोकतांत्रिक ताकतें इस फासीवादी शासन के खिलाफ खड़ी हों.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘पुलिस की चुप्पी और निष्क्रियता ही भाजपा के आतंक के राज को और मजबूत करती है. वामपंथी दल पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और सभी लोकतांत्रिक ताकतों से भाजपा की जघन्य कार्रवाइयों की निंदा करने का आह्वान करते हैं.’

कांग्रेस और माकपा नेताओं ने कहा कि संसदीय दल, जिसमें चार लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद शामिल हैं, को तीन समूहों में विभाजित किया गया है. वे तीन जिलों – पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजाला और गोमती –  में हिंसा प्रभावित गांवों और शहरी क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.

दो दलों के स्थानीय विधायक पीआर नटराजन, रंजीता रंजन, एए रहीम, अब्दुल खालिक, बिकाश रंजन भट्टाचार्य, विनय विश्वम और एलाराम करीम संसदीय दल के साथ थे.