चेन्नई: कलाक्षेत्र में फैकल्टी सदस्यों पर यौन उत्पीड़न के आरोप, प्रदर्शन को उतरे छात्र

तमिलनाडु में चेन्नई की शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी 'कलाक्षेत्र फाउंडेशन' में चार फैकल्टी सदस्यों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, जिसे लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि आरोपियों को संस्था से निष्कासित किया जाए, जबकि फाउंडेशन ने आंतरिक समिति की जांच के आधार पर उन्हें क्लीन चिट दे दी है.

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कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रदर्शनकारी छात्र. (फोटो साभार: ट्विटर/Priya_272)

तमिलनाडु में चेन्नई की शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी ‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन’ में चार फैकल्टी सदस्यों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, जिसे लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि आरोपियों को संस्था से निष्कासित किया जाए, जबकि फाउंडेशन ने आंतरिक समिति की जांच के आधार पर उन्हें क्लीन चिट दे दी है.

कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रदर्शनकारी छात्र. (फोटो साभार: ट्विटर/@Priya_272)

चेन्नई: चेन्नई में शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी ‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन’ में गुरुवार को छात्रों ने यौन उत्पीड़न के आरोपी चार वरिष्ठ पुरुष फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के बीच फाउंडेशन ने रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स को 6 अप्रैल तक बंद करने की घोषणा कर दी और छात्रों को परिसर खाली करने के लिए कहा गया है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक न्याय मिले बिना हटने से इनकार करते हुए छात्रों ने अपना धरना जारी रखा.

कलाक्षेत्र केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत स्वायत्त रूप से काम करता है. छात्रों ने एक वरिष्ठ नर्तक के खिलाफ शिकायत दी थी. नर्तक को शुक्रवार को एक नृत्य नाटक प्रस्तुत करना था. वे यौन उत्पीड़न के आरोपी रहे हैं, लेकिन शिकायत पर मिली कलाक्षेत्र की प्रतिक्रिया से निराश होकर छात्र धरने पर बैठ गए.

कलाक्षेत्र ने 19 मार्च को कहा था कि उनकी आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी और शिकायतों में कोई सच्चाई नहीं पाई गई. इसके आधार पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शिकायत को बंद करने का फैसला किया, हालांकि केंद्रीय निकाय ने 22 मार्च को ट्वीट किया था कि वे तमिलनाडु के डीजीपी सिलेंद्र बाबू को कथित अपराधी और कथित तौर पर उसे बचाने के लिए कलाक्षेत्र की निदेशक रेवती रामचंद्रन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सूचित कर रहे हैं. चेन्नई पुलिस ने मामले में 20 मार्च को जांच शुरू की थी.

गुरुवार को चार शिक्षकों पर छात्रों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था और विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके नामों का खुलासा किया था. अपनी मांगों की सूची साझा करते हुए एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘हम तब तक साथ खड़े रहेंगे जब तक कि आरोपियों को संस्था से निष्कासित नहीं कर दिया जाता.’

छात्राओं ने इस दौरान ‘हमें न्याय चाहिए’ लिखे हुए प्लेकार्ड दिखाए. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी करके युवाओं से उनके साथ खड़े होने का अनुरोध किया है.

एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘जब हम कोई पत्र देते हैं या इसके बारे में बात करते हैं तो कलाक्षेत्र हमारी शिकायतों को खारिज कर देता है.’

उन्होंने बताया कि संस्थान ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ समाधान का आश्वासन देते रहे. ‘चार लोगों की हमने शिकायत की और सबको पता है कि वो कौन हैं. उनमें से एक शुक्रवार को परफॉर्म करने वाला है. अगर ऐसा ही होता रहा तो हम और हमारे बाद आने वाले छात्रों को कोई सुरक्षा नहीं होगी.’

प्रिंसिपल पकाला रामदास द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि (कलाक्षेत्र के तहत आने वाला) रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स  30 मार्च (शाम 5.15 बजे) से 6 अप्रैल तक बंद रहेगा.

सर्कुलर में कहा गया है, ‘सभी छात्रों से तत्काल प्रभाव से दो दिनों के भीतर छात्रावास खाली करने का अनुरोध किया जाता है. इन दिनों होने वाली परीक्षाएं स्थगित की जाती हैं. नई तारीखों की घोषणा उचित समय पर की जाएगी.’

छात्रों का कहना है कि संस्था यौन उत्पीड़न की समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें इस सर्कुलर से धमका रहा है. गुरुवार शाम तक पुलिस भी कैंपस में पहुंच गई थी.

यौन उत्पीड़न की शिकायतें सार्वजनिक तब हुईं जब कलाक्षेत्र की पूर्व निदेशक लीला सैमसन ने पिछले दिसंबर में एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कैसे छात्र एक शिक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है.

हालांकि सैमसन ने कथित अपराधी का नाम नहीं लिया था, लेकिन उन्होंने सर्वाइवर्स का नाम लिया था. बाद में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी थी.

इसी कड़ी में, पिछले हफ्ते कलाक्षेत्र की एक महिला ने अडयार थाने में पूर्व निदेशक सैमसन के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में उनका नाम लेने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह पीड़िता नहीं है.

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा शिकायतों के संबंध में बुधवार को कथित तौर पर कलाक्षेत्र परिसर गईं. 25 मार्च को कलाक्षेत्र ने एक और बयान जारी किया कि उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग से अनुरोध किया है कि वह पहले जो कार्रवाई की गई थी, उस पर विचार करे और अगर वह उससे संतुष्ट नहीं होता है तो आगे की जांच का स्वागत है.

फाउंडेशन की प्रतिक्रिया का विरोध करते हुए संगीतकार टीएम कृष्णा ने भी 27 मार्च को कलाक्षेत्र के अध्यक्ष एस. रामादुरई को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र लिखा था और ‘इन गंभीर शिकायतों’ के समाधान के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया था.