देहरादून के डीएम के समक्ष दूसरी कक्षा के एक छात्र के अभिभावकों ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके बेटे ने स्कूल की एक किताब में माता-पिता के लिए उर्दू शब्द पढ़ने के बाद उन्हें ‘अम्मी और अब्बू’ कहा. उन्होंने किताब में इन शब्दों के इस्तेमाल को ‘धार्मिक आस्था पर हमला’ बताते हुए किताब बैन करने की मांग की है.
देहरादून: उत्तराखंड में दूसरी कक्षा के एक छात्र के माता-पिता द्वारा देहरादून के जिलाधिकारी के पास दर्ज करवाई गई शिकायत कि उनके बेटे ने अपनी स्कूल की पाठ्यपुस्तक में उर्दू में मां और पिता के लिए शब्द पढ़ने के बाद उन्हें ‘अम्मी और अब्बू’ कहा- के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, छात्र के पिता मनीष मित्तल ने किताब में इन शब्दों के इस्तेमाल को ‘धार्मिक आस्था पर हमला’ बताया और इसे प्रतिबंधित करने की मांग की.
मित्तल ने अपनी शिकायत में कहा, ‘…अंग्रेजी किताबों में अम्मी और अब्बू का इस्तेमाल अनुचित और शरारतपूर्ण है.’
उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत हुई है और तत्काल कार्रवाई से इस तरह की ‘धर्म-विरोधी प्रथाओं’ को रोका जा सकता है.
उत्तराखंड के स्कूल शिक्षा निदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा, ‘हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. सभी हितधारकों की बात सुनी जाएगी. पाठ्यपुस्तक की भी जांच होगी, हम जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे.’
मित्तल ने कहा कि जब उन्होंने अपने बेटे को उन्हें अब्बू और अम्मी कहते सुना तो वे चौंक गए. उन्होंने कहा, ‘जब हमने उनसे कारण पूछा, तो उन्होंने हमें ओरिएंट ब्लैक स्वान, हैदराबाद द्वारा प्रकाशित अपनी अंग्रेजी पाठ्यपुस्तक, गुलमोहर 2 दिखाई. पहले अध्याय में अम्मी और अब्बू का प्रयोग माता और पिता के लिए किया गया है…’
the child studying in 2nd Class called his parents Ammi-Abbu
Manish Mittal the father of the child took it serious & has filed a complaint with DM
Actually child learnt it from his English Book Poem 'too Big too Small'
But the religious sentiments of Manish got hurt… pic.twitter.com/rAfopZOt5Z
— زماں (@Delhiite_) April 5, 2023
उन्होंने कहा कि हिंदी की किताबों में माता और पिता का और उर्दू की किताबों में अम्मी और अब्बू का इस्तेमाल होना चाहिए. मित्तल ने कहा कि गुलमोहर 2 देश भर में आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों में पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है. ऐसी भ्रामक प्रथाओं को रोकना जरूरी है.
एक स्थानीय हिंदू समूह ने देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार को भी एक शिकायत दी है, जिसमें इस किताब को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की गई है.
कुमार ने कहा कि माता-पिता ने मजिस्ट्रेट से संपर्क किया जिन्होंने शिकायत उनके पास भेज दी. उन्होंने कहा, ‘मैंने आईसीएसई से संबद्ध स्कूल के प्रधानाचार्यों और शिक्षाविदों की राय मांगी है. जरूरत पड़ी तो मैं आईसीएसई को भी लिखूंगा. हमें पुस्तक के खिलाफ हिंदू वाहिनी से भी शिकायत मिली है. उन्होंने इस किताब को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की है.’