आईआईटी-मद्रास के एक और छात्र ने हॉस्टल में आत्महत्या की, तीन महीने में चौथा मामला

पुलिस ने कहा कि आईआईटी मद्रास में पिछले तीन महीने के दौरान यह इस तरह की चौथी घटना है. 31 मार्च को यहां से पढ़ाई कर रहे एक पीएचडी छात्र ने, 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने और 13 फरवरी को स्नातकोत्तर के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/IIT Madras)

पुलिस ने कहा कि आईआईटी मद्रास में पिछले तीन महीने के दौरान यह इस तरह की चौथी घटना है. 31 मार्च को यहां से पढ़ाई कर रहे एक पीएचडी छात्र ने, 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने और 13 फरवरी को स्नातकोत्तर के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/IIT Madras)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) के एक स्नातक छात्र की बीते शुक्रवार (21 अप्रैल) को मौत कथित तौर पर आत्महत्या के चलते हो गई. पुलिस ने कहा कि पिछले तीन महीने में संस्थान में इस तरह की चौथी घटना है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कोट्टुरपुरम पुलिस स्टेशन अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है. यहां के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 20 वर्षीय छात्र के छात्रावास के कमरे से बरामद एक कथित सुसाइड नोट में कहा गया है कि उन्होंने एक रिश्ते को लेकर यह कदम उठाया है.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘हमने एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उन्होंने किसी से प्रेम संबंध को लेकर अपनी जिंदगी खत्म करने की बात लिखी है.’

छात्र महाराष्ट्र का रहने वाला है और केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में बी-टेक द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा था. यह घटना दिल्ली में आईआईटी परिषद की बैठक के कुछ दिनों बाद आई है, जहां छात्रों की मदद और सहायता प्रदान करने के लिए संभावित कदमों पर चर्चा की गई थी.

अधिकारी ने कहा कि आत्महत्या का पता तब चला, जब छात्र के दोस्तों ने देखा कि उसका कमरा कई घंटों से बंद है. उन्होंने हॉस्टल वार्डन को सूचित किया जिसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़ा तो छात्र मृत मिला.

एक दूसरे अधिकारी ने भी नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘शव को परीक्षण के लिए ले जाया गया है और आईआईटी मद्रास परिसर में प्रारंभिक जांच चल रही है.’

संस्थान ने एक बयान में कहा कि छात्र के माता-पिता को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है.

बयान में कहा गया है, ‘संस्थान ने अपना एक अच्छा छात्र खो दिया है. आईआईटी मद्रास तनावग्रस्त छात्रों की पहचान करने और उनकी मदद करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहा है. हम इन उपायों को मजबूत करना जारी रखेंगे.’

यह घटना आईआईटी-मद्रास के निदेशक वी कामकोटि के बयान के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संस्थान ने एक हैप्पीनेस वेबसाइट लॉन्च की है और छात्रों के लिए वेलनेस सत्र आयोजित कर रहा है.

उन्होंने कहा था कि यह पहल परिसर में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि की पृष्ठभूमि के खिलाफ हुई है, जो वित्तीय तनाव, व्यक्तिगत कारणों, शैक्षणिक दबाव और स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़े हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, संस्थान में तमिलनाडु के एक पीएचडी छात्र ने कथित तौर पर बीते 31 मार्च को आत्महत्या कर ली थी. 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने कथित तौर पर छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी.

इसी तरह 13 फरवरी को महाराष्ट्र के 24 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर स्टीफन सनी अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाए गए. उसी दिन एक अन्य छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन उसे बचा लिया गया. इसको लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था और इन आत्महत्याओं की एक कमेटी द्वारा जांच की मांग की थी.

मद्रास के इस प्रमुख संस्थान ने 2019 में कथित रूप से धार्मिक भेदभाव का सामना करने वाली छात्रा फातिमा लतीफ की आत्महत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का सामना किया था.

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए छात्रों का कहा था कि आईआईटी-मद्रास में देश में किसी भी अन्य आईआईटी की तुलना में सबसे अधिक आत्महत्याएं हुई हैं. पिछले 10 वर्षों में इस कैंपस में 14 आत्महत्याओं की सूचना दी है.

इसी तरह के मामले अन्य आईआईटी से भी रिपोर्ट किए गए हैं. इससे सबसे प्रमुख आईआईटी-बॉम्बे है, जहां एक 18 वर्षीय दलित छात्र दर्शन सोलंकी ने बीते 12 फरवरी को आत्महत्या कर ली थी.

बीते मार्च महीने में सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि साल 2018 के बाद से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में 33 छात्रों की आत्महत्या के कारण मौत हुई है.