कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ जांच समिति की सदस्य बबीता फोगाट बोलीं- जांच ठीक से नहीं हुई

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किए जाने को लेकर पहलवान एक बार फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. सिंह के ख़िलाफ़ आरोपों की जांच कर रही समिति की सदस्य बबीता फोगाट ने कहा है कि समिति ने एकतरफ़ा जांच की है.

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बबीता फोगाट. (फोटो साभार: फेसबुक)

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किए जाने को लेकर पहलवान एक बार फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. सिंह के ख़िलाफ़ आरोपों की जांच कर रही समिति की सदस्य बबीता फोगाट ने कहा है कि समिति ने एकतरफ़ा जांच की है.

बबीता फोगाट. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बीते जनवरी माह में उपजे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किए जाने को लेकर पहलवान फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर हैं.

खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है. डब्ल्यूएफआई अधिकारी उनके घर जाकर पैसे की पेशकश कर रहे हैं.

इस बीच बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही समिति की सदस्य बबीता फोगाट पहली बार मीडिया के सामने आई है. उन्होंने एक के बाद एक कई बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि जांच समिति के सदस्यों ने जांच ठीक से नहीं की है और सभी सदस्यों की सहमति के साथ रिपोर्ट नहीं बनी.

दैनिक भास्कर में प्रकाशित में एक रिपोर्ट के अनुसार, जब बबीता फोगाट जांच रिपोर्ट पढ़ रही थीं तो भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) की पूर्व निदेशक और जांच कमेटी में शामिल राधिका श्रीमन ने उनसे रिपोर्ट छीन ली थी. श्रीमन ने उनके साथ बदतमीजी भी की और उनके द्वारा उठाए गए कई बिंदुओं को दरकिनार किया गया. उन्होंने अपनी आपत्ति भी उस रिपोर्ट में दर्ज करवाई है.

रिपोर्ट में बृजभूषण शरण को क्लीन चिट दिए जाने वाले सवाल पर बबीता फोगाट ने कहा, ‘इस मामले पर मैं कुछ नहीं बोल सकती हूं. क्लीन चिट देने वाले हम कौन होते हैं? मैं महिला होने के नाते आज भी खिलाड़ियों के साथ खड़ी हूं. पहले भी खड़ी थी.’

उन्होंने कहा, ‘जिसके साथ भी गलत हुआ है, मैं उनके साथ खड़ी हूं. न्यायपालिका पर मुझे भरोसा है. मैंने असहमति के साथ जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए हैं. समिति ने एकतरफा जांच की है. उन्होंने सब कुछ छिपाकर किया है. समिति के 5 सदस्य एक तरफ थे और मैं एक तरफ थी.’

फोगाट ने कहा, ‘खिलाड़ी अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. उनका हक कोई नहीं छीन सकता है.’

धरने पर बैठे पहलवानों पर एक ही परिवार के होने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कुश्ती भी एक परिवार है. कुश्ती परिवार के लोग वहां बैठे हैं, उनको बांटना गलत है.

उन्होंने कहा, ‘जब कोई खिलाड़ी देश के लिए मेडल लेकर आता है तो वो देश का होता है. जब मैं रिपोर्ट पढ़ रही थी मेरे से रिपोर्ट छीनते वक्त एक सदस्य ने भी मुझसे ये कहा था कि आप उस परिवार की सदस्य हो. मैंने तब भी उनको ये जवाब दिया था.’

मालूम हो कि बीते 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली सात पहलवानों की याचिका पर नोटिस जारी किया है.

बीते जनवरी माह में भारतीय कुश्ती जगत में तब उथल-पुथल मच गई थी, जब कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे.

पहलवानों के कई हफ्तों के विरोध के बाद 23 जनवरी को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने ओलंपिक पदक विजेता और मुक्केबाज़ मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था.

समिति के अन्य सदस्यों में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के पूर्व सीईओ कैप्टन राजगोपालन, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) की पूर्व कार्यकारी निदेशक राधिका श्रीमन, पूर्व बैडमिंटन राष्ट्रीय चैंपियन तृप्ति मुरगुंडे, ओलंपिक विजेता योगेश्वर दत्त और राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियन बबीता फोगाट शामिल थीं.

सदस्यों को लेकर पहलवानों के नाराजगी जताने के बाद बबीता को समिति में शामिल किया गया था.

हालांकि इसके बाद विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बीते 18 जनवरी को आरोप लगाया था कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुश्ती महासंघ के पसंदीदा कोच महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें परेशान करते हैं. उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह पर लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने और टोक्यो ओलंपिक 2020 में उनकी हार के बाद उन्हें ‘खोटा सिक्का’ कहने का भी आरोप लगाया था.

खेल मंत्रालय के आश्वासन और एक निगरानी समिति के गठन के बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया था और इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.

लेकिन, बीते 23 अप्रैल को यह विवाद तब फिर से सुर्खियों में आ गया, जब अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य पहलवानों ने फिर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया.

पहलवानों की मांग है कि सरकार डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करे. साथ ही, वे चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज करे.

बीते फरवरी माह में विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति के एक सदस्य मीडिया को संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे हैं.

बीते अप्रैल माह में यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने भी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच पर सवाल उठाए थे.

पुनिया ने कहा था, ‘हाल ही में एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित निरीक्षण समिति के सदस्यों में से एक इसकी अंतिम रिपोर्ट से सहमत नहीं थे. यह दिखाता है कि समिति या मंत्रालय द्वारा कुछ संदिग्ध किया जा रहा है. कोई कुछ गलत कर रहा है.’