बीते दो सालों में प्रधानमंत्री जन धन योजना के बीमा दावों में से आधे का ही निपटारा हुआ

2014 में लाई गई प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंक खाताधारकों को 30,000 रुपये के जीवन बीमा कवर की भी घोषणा की गई थी, लेकिन एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सरकार ने बताया कि यह सुविधा मार्च 2020 से बंद कर दी गई है.

(फोटो साभार: जन धन योजना वेबसाइट)

2014 में लाई गई प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंक खाताधारकों को 30,000 रुपये के जीवन बीमा कवर की भी घोषणा की गई थी, लेकिन एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सरकार ने बताया कि यह सुविधा मार्च 2020 से बंद कर दी गई है.

(फोटो साभार: जन धन योजना वेबसाइट)

नई दिल्ली: पिछले दो वित्तीय वर्षों में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत बैंक खाताधारकों को दिए जाने वाले दुर्घटना बीमा कवर के दायर किए गए कुल 647 दावों में से केवल 329 दावों का निपटारा किया गया है.

द हिंदू के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के जवाब में यह जानकारी सामने आई है.

अगस्त 2014 में, जन धन योजना, जिसे वित्तीय समावेशन के लिए एक अभूतपूर्व कदम बताते हुए सराहा गया था, को लॉन्च करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाताधारकों के लिए दुर्घटना कवर की भी घोषणा की थी. इसमें सभी 48.65 करोड़ खाताधारकों, जिनमें से 50% से अधिक महिलाएं हैं, को मृत्यु या स्थायी विकलांगता के लिए दुर्घटना बीमा कवर दिया गया है. खाताधारकों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता है.

पीएमजेडीवाई के तहत खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है. दुर्घटना बीमा का लाभ उठाने के लिए मुख्य शर्त यह है कि लाभार्थी ने दुर्घटना की तारीख से 90 दिन पहले कार्ड का उपयोग करके कम से कम एक सफल ट्रांज़ैक्शन (वित्तीय या गैर-वित्तीय) किया हो. हालांकि, यह शर्त दावे दायर करने को कठिन बना सकती है.

वित्त वर्ष 2021-22 में 341 दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 182 का निपटान किया गया और 48 को खारिज कर दिया गया. शेष 111 मामलों के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा कोई विवरण नहीं दिया गया. इस अवधि के लिए भुगतान की गई कुल दावा राशि 2.27 करोड़ रुपये थी.

इसी तरह, वित्त वर्ष 2022-23 में 306 दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 147 का निपटारा किया गया और 10 को खारिज कर दिया गया. शेष 149 दावों की स्थिति पर मंत्रालय द्वारा कोई जानकारी साझा नहीं की गई. इस वर्ष के लिए कुल दावा भुगतान राशि 1.88 करोड़ रुपये थी.

मोदी ने  2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘बिना बैंक वाले’ लोगों को को जीरो बैलेंस खाते देने की बात कही थी और इसी महीने 28 अगस्त को औपचारिक रूप से इस परियोजना को शुरू किया गया था.

मूल रूप से 1 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर की पेशकश की गई थी, हालांकि बाद में 28 अगस्त, 2018 के बाद खोले गए नए खातों के लिए इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया था.

मूल योजना में सरकार ने पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 30,000 रुपये के जीवन बीमा कवर की भी घोषणा की थी, लेकिन आरटीआई में सरकार के जवाब में कहा गया है कि यह सुविधा मार्च 2020 से बंद कर दी गई है.

बताया गया है कि मार्च 2023 तक इन 48.65 करोड़ पीएमजेडीवाई बैंक खातों में कुल 1,98,844.34 करोड़ जमा थे और इनमें से 4.03 करोड़ खातों में जीरो बैलेंस था.

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