भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ सात महिला पहलवानों ने शिकायत दर्ज कराई है. इनमें से दो महिलाओं की शिकायत में कहा गया है कि सिंह टूर्नामेंट, वॉर्म-अप सेशन और दिल्ली में महासंघ के दफ्तर में बहाने से महिला पहलवानों को अनुचित तरह से छूने और दबोचने का प्रयास करता था.
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज शिकायतों में 7 में से 2 महिला पहलवानों- दोनों बालिग- ने यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की कई घटनाओं का जिक्र किया है, जिनमें टूर्नामेंट व वॉर्म-अप के दौरान और यहां तक कि नई दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई कार्यालय में जबरन पकड़ना, अनुचित स्पर्श और शारीरिक नजदीकी बनाने के आरोप शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नई दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को दर्ज की गई दो अलग-अलग शिकायतों में इस तरह की कम से कम आठ घटनाएं सूचीबद्ध हैं.
दोनों शिकायतकर्ताओं ने बताया है कि कैसे बृजभूषण ने उन्हें अनुचित तरीके और सेक्सुअली छूने के लिए कथित तौर पर उनके सांस लेने के पैटर्न की जांच करने के बहाने का इस्तेमाल किया.
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में सिंह का प्रभाव और सिंह द्वारा उनका करिअर खत्म कर देने के डर के चलते वे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बावजूद पहले कुछ नहीं बोल पाईं.
अपनी शिकायत में, पहली महिला पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की कम से कम पांच घटनाओं का जिक्र किया है.
महिला द्वारा बताई एक घटना 2016 में एक टूर्नामेंट के दौरान हुई, जहां एक रेस्तरां में बृजभूषण ने उनके स्तन और पेट को छुआ था, जिसके बाद वे काफी घबरा गईं.
इन्हीं महिला पहलवान ने 2019 में भी एक टूर्नामेंट के दौरान बृजभूषण द्वारा ऐसी हरकत किए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि ‘वहां भी बृजभूषण ने बहाने से उनकी छाती और पेट को छुआ था.
अपनी शिकायत में इसी महिला पहलवान ने बृजभूषण पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नई दिल्ली में अशोक रोड स्थित अपने बंगले के भीतर बने डब्ल्यूएफआई कार्यालय में उसे बुलाया था और दो दिन उसे अनुचित तरीके से छुआ और दबोचा.
महिला पहलवान ने अपनी शिकायत में लिखा है कि पहले दिन सिंह ने सहमति के बिना उनकी जांघों और कंधे को छुआ और जब उन्हें दो दिन बाद डब्ल्यूएफआई कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, तब सिंह ने उनके सीने को छुआ और यह कहते हुए अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया कि वह उनका सांस लेने का पैटर्न जांचना चाहता है.
महिला ने बताया कि इसी तरह, 2018 में एक टू्र्नामेंट के दौरान सिंह ने उन्हें लंबे समय तक गले लगाए रखा. एक अन्य टूर्नामेंट के दौरान इन महिला पहलवान को गले लगाने के दौरान खुद को सिंह की पकड़ से छुड़ाना पड़ा क्योंकि सिंह का हाथ उनके स्तन के बेहद करीब था.
दूसरी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि 2018 में जब वह वॉर्म-अप कर रही थीं तो सिंह ने उनकी सहमति के बिना उनकी टी-शर्ट ऊपर उठा ली और सांस लेने का पैटर्न जांचने के बहाने स्तन व पेट को छुआ.
अपनी शिकायत में इस महिला पहलवान ने कहा है कि इससे वे सदमे में आ गई थीं.
उन्होंने आरोप लगाया है कि दूसरी घटना एक साल बाद सिंह के अशोक रोड के बंगले स्थित डब्ल्यूएफआई कार्यालय में हुई. जब वह सिंह के कार्यालय में घुसी तो उन्होंने दूसरे लोगों से बाहर जाने कहा, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर महिला पहलवान को करीब खींच लिया और छेड़छाड़ की कोशिश की. सिंह ने कथित तौर पर अपने कार्यालय में महिला पहलवान से उनका फोन नंबर भी लिया.
इस हफ्ते की शुरुआत में इन दोनों पहलवानों ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दिल्ली पुलिस के सामने अपने बयान भी दर्ज कराए थे.
बता दें कि बीते 21 अप्रैल को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किए जाने पर पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे और अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
शीर्ष अदालत ने भी आरोपों को गंभीर माना था और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जिसके बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो के तहत दर्ज किया गया मामला भी है.
पहलवान अभी भी धरने पर बैठे हैं क्योंकि बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई है.