कर्नाटक विधानसभा चुनाव: शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बड़ी बढ़त

कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. शुरुआती रुझान कांग्रेस को 116 सीटों पर आगे दिखा रहे हैं, वहीं भाजपा 78 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

(फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. शुरुआती रुझान कांग्रेस को 116 सीटों पर आगे दिखा रहे हैं, वहीं भाजपा 78 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को संपन्न हुए मतदान के बाद आज सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई, जिसमें शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है.

मतगणना राज्य के 36 केंद्रों पर हो रही है. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सभी 224 विधानसभा सीटों पर रुझान आने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस 116 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं भाजपा 78 सीटों पर आगे है. जनता दल (सेक्युलर) जो त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद लगाए हुआ था, वह भी 25 सीटों पर आगे चल रहा है. 5 सीटों पर अन्य को बढ़त प्राप्त है.

ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 80 सीटें प्राप्त हुई थीं, वहीं भाजपा के खाते में 104 सीटें आई थीं. जेडीएस को तब 37 सीटों पर जीत मिली थी.

भारतीय निर्वाचन आयोग के 202 सीटों के रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस को अब तक 43.58 फीसदी, भाजपा को 36.51 फीसदी और जेडीएस को 11.81 फीसदी मत मिले हैं. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कांग्रेस के सिद्दारमैया अपनी-अपनी सीटों पर आगे चल रहे हैं.

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल कांग्रेस को बढ़त पाते दिखा रहे हैं, कई में तो कांग्रेस की सरकार का अनुमान लगाया गया है.

चुनाव अधिकारियों को उम्मीद है कि राज्य के भावी राजनीतिक परिदृश्य की तस्वीर शनिवार दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगी. बताया गया है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रदेश भर में मतगणना केंद्रों के भीतर और आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

कांग्रेस और भाजपा के बीच के मुख्य मुकाबले में त्रिशंकु जनादेश की भी संभावना है, जिसको लेकर जद (एस) उम्मीद लगा रहा है ताकि वह किंगमेकर की भूमिका निभा सके या पिछले विधानसभा चुनाव की तरह स्वयं सत्ता के शीर्ष तक पहुंच सके.

बहरहाल, वर्तमान में राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा कर्नाटक में क्रमिक बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा तोड़ने की उम्मीद जता रही है. पार्टी को प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार अभियान से सकारात्मक नतीजे मिलने की उम्मीद है.

दोनों ही राष्ट्रीय दल इस चुनाव को अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी के तौर पर भी देख रहे हैं.

वहीं, दिल्ली और पंजाब के सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ छोटे दल भी मैदान में थे.

कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मतगणना से पहले शुक्रवार को उन एग्जिट पोल को खारिज कर दिया जो कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी तो दिखा रहे थे, लेकिन विधानसभा में किसी को भी बहुमत न मिलने की बात कह रहे थे.

शिवकुमार ने दावा किया है कि उनकी पार्टी कम से कम 141 सीटें जीतकर बहुमत प्राप्त करेगी.

वहीं, शुक्रवार को नतीजों से पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा किया और कहा कि अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की नौबत नहीं आएगी. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक भी की.

चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की तरफ देखा गया. वहीं, वोकालिग्गा और लिंगायत समुदायों के फिर से निर्णायक भूमिका में रहने की उम्मीद है.

चुनावों में कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर रोक लगाने, बढ़ते सांप्रदायिककरण, कट्टर हिंदुत्व, मुस्लिम कोटा खत्म करने जैसे मुद्दे सुर्खियों में रहे थे.