असम सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक शिक्षक से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सभी प्रकार की शालीनता का उदाहरण होने की उम्मीद की जाती है, इसलिए ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक हो गया है. सभी शिक्षकों को भड़कीले न दिखने वाले सादा रंगों के साफ, सभ्य और शालीन कपड़े पहनने होंगे.
नई दिल्ली: असम के भाजपा नेतृत्व वाली हिमंता बिस्वा शर्मा की सरकार ने शनिवार को स्कूली शिक्षकों के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया, जिसमें कहा गया है कि यह ‘जरूरी’ हो गया था, क्योंकि कुछ शिक्षक ऐसे कपड़े पहनने के ‘आदी’ हो गए थे, जो बड़े पैमाने पर ‘जनता द्वारा स्वीकार्य’ नहीं हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वर्जित कपड़ों में पुरुषों और महिला शिक्षकों के लिए टी-शर्ट एवं जींस और महिला शिक्षकों के लिए लेगिंग शामिल हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि सभी शिक्षकों को भड़कीले न दिखने वाले सादा रंगों के साफ, सभ्य और शालीन कपड़े पहनने होंगे. इसमें यह भी कहा गया है कि ‘कैजुअल और पार्टी में पहनने वाले परिधान पहनने से सख्ती से बचना चाहिए.’
There are some misgivings regarding dress code prescribed for school teachers. I am sharing the notification for clarity. pic.twitter.com/m4k3sQW4t6
— Ranoj Pegu (@ranojpeguassam) May 20, 2023
पुरुष शिक्षकों के लिए सरकार ने जो कपड़े निर्धारित किए हैं, वे औपचारिक शर्ट और पैंट हैं, जबकि महिला शिक्षकों को ‘सभ्य’ सलवार सूट, साड़ी और मेखला चादर पहनने का निर्देश दिया गया है.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘चूंकि एक शिक्षक से विशेष रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सभी प्रकार की शालीनता का एक उदाहरण होने की उम्मीद की जाती है, इसलिए ड्रेस कोड का पालन करना आवश्यक हो गया है, जो कार्यस्थल पर मर्यादा, शालीनता, दक्षता और उद्देश्य की गंभीरता को दर्शाता हो.’
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, राज्य के शिक्षक संगठनों ने अभी तक आदेश पर कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की है.
आदेश सर्व शिक्षा अभियान के अभियान निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, शिक्षा मंत्री कार्यालय, सभी विद्यालय निरीक्षकों और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है.
असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार शिक्षा संस्थानों की शालीनता को बनाए रखना चाहती है और यह फैसला उसी का एक हिस्सा है.
पेगू ने कहा, ‘अगर सभी छात्र स्कूलों में यूनिफॉर्म पहन सकते हैं, तो शिक्षक क्यों नहीं? शिक्षकों को ठीक से कपड़े पहनना चाहिए. यह एक सकारात्मक संदेश देगा.’