शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक तरफ बेटी पढ़ाओ और महिला उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ देश के लिए ओलंपिक पदक लाने वाली लड़कियां राष्ट्रीय राजधानी में न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उसे आरोपी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो भाजपा का नेता भी है.
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर दिल्ली के जंतर मंतर पर लगभग एक महीने से धरना दे रहीं महिला पहलवानों का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बीते शनिवार को समर्थन किया है.
इस लड़कियों के सम्मान से जुड़ा मामला बताते हुए सिख संस्था ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नेता भी है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकार एक तरफ बेटी पढ़ाओ और महिला उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ देश के लिए ओलंपिक पदक लाने वाली लड़कियां राष्ट्रीय राजधानी में न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.
धामी ने अमृतसर में एसजीपीसी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ‘सिख समुदाय इन महिला खिलाड़ियों का समर्थन करता है. हम जल्द ही दिल्ली में प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे.’
कार्यकारी बैठक में एसजीपीसी ने सोशल मीडिया पर ‘नफरत’ फैलाने वाले ‘सिख विरोधी कथनों’ के स्रोतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी फैसला किया.
एसजीपीसी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनके नाम से फर्जी एकाउंट बनाए गए और गलत सूचना फैलाई जा रही थी, लेकिन पुलिस ‘कुछ नहीं कर रही थी’, जबकि इस मुद्दे को कई बार रिपोर्ट किया गया था.
एसजीपीसी ने पंजाब में बेअदबी (अपवित्रीकरण) और मर्यादा (सम्मान) के उल्लंघन की घटनाओं की भी निंदा की. साथ ही सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की.
इस बीच खबर आई है कि यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह आगामी 5 जून को अयोध्या में एक ‘जन चेतना महारैली’ का आयोजन करेंगे.
माना जा रहा है कि सिंह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी का व्यापक समर्थन मिल रहा है. रैली के माध्यम से वह हिंदू धार्मिक नेताओं की मदद से लोगों को अपने पक्ष में लामबंद करना चाहते हैं.
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.
कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.
हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.
सात दिनों के विरोध के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.