राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिनमें बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी शामिल थे.
नई दिल्ली: राजस्थान पुलिस ने फरवरी के मध्य में गो-तस्करी के संदेह में हरियाणा में दो मुस्लिम पुरुषों के दोहरे हत्याकांड में बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर और 20 अन्य को नामजद किया है.
जुनैद और नासिर की नृशंस हत्या ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था और मानेसर को, जो पहले से ही मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का समर्थन करने वाले एक हिंदुत्ववादी नेता के रूप में सोशल मीडिया पर अच्छा-खासा समर्थन रखता था, को सुर्खियों में ला दिया था.
बढ़ते आक्रोश के बीच, यूट्यूब ने घोषणा की कि मानेसर के चैनल को इसके ‘यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम’ से ‘अनिश्चितकाल के लिए निलंबित’ कर दिया गया है, जिसका अर्थ था कि वह अब अपने द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से पैसा नहीं कमा सकता था.
जुनैद और नासिर चचेरे भाई थे और राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव में रहते थे, जहां न्याय की मांग को लेकर हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. उन दोनों पर एक भीड़ द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. भीड़ ने बाद में उन्हें गो-तस्करी के आरोप लगाकर उनकी कार के अंदर ही जिंदा जला डाला था.
दोनों की हत्या भिवानी में की गई थी, जो हरियाणा पुलिस के न्याय क्षेत्र में आता है. हरियाणा पुलिस पर मानेसर को लेकर ढिलाई बरतने का आरोप लगा था.
मोनू मानेसर के समर्थन में पूरे हरियाणा में हिंदुत्ववादी समूह लामबंद हो गए थे, और उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ पुलिस को धमकी दी थी. मामले में हरियाणा पुलिस की जांच में सामने आए तीन आरोपी- रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत- पुलिस के मुखबिर हैं.
बहरहाल रविवार (21 मई) को राजस्थान की पुलिस ने घोषणा की कि उसने एफआईआर में 21 लोगों को आरोपी बनाया है. बता दें कि जुनैद और नासिर रास्थान के ही रहने वाले थे.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भरतपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्याम सिंह ने कहा, ‘ये सभी लोग सबूत नष्ट करने और वित्तीय सहायता एवं आश्रय प्रदान करने के साथ-साथ अन्य आरोपियों को फरार कराने के आरोपी हैं.’
पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि सभी 21 संदिग्धों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173(8) के तहत जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘हम पूछताछ के लिए जल्द ही मानेसर को हिरासत में लेंगे.’
एफआईआर में नाम आने के कुछ घंटे बाद ही मानेसर ने जांच में पुलिस का सहयोग करने की बात कही और मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया.
इस बीच बजरंग दल के पितृ संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के गुड़गांव जिला अध्यक्ष अजीत सिंह ने आरोप लगाया कि मोनू मानेसर को राजस्थान सरकार के ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ कदम के तहत निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वहां साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
बता दें कि अब तक मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. राजस्थान पुलिस ने 14 अप्रैल को मोनू राणा और गोगी को जबकि 17 फरवरी को रिंकू सैनी को गिरफ्तार किया था.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.