बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री संबंधी मानहानि मामले में हाईकोर्ट का नोटिस मिलने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

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(फोटो: द वायर)

दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि के एक मामले में बीबीसी को समन जारी किया है. लाइव लॉ के अनुसार, गुजरात के ‘जस्टिस ऑन ट्रायल’ नाम के एक एनजीओ द्वारा दायर मामले में आरोप लगाया गया था कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ ने भारत की प्रतिष्ठा पर दाग लगाया है। गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को रेखांकित करने वाली इस डॉक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने ‘दुष्प्रचार’ बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था. कई विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर विवाद भी हुआ था.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं पहलवानों के समर्थन में खाप महापंचायत ने आगामी 28 मई को नए संसद भवन के सामने महिला पंचायत करने की घोषणा की है. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. द हिंदू के मुताबिक, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि वे महापंचायत के फैसले का स्वागत करते हैं. इसी बीच, बृजभूषण शरण सिंह द्वारा बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट द्वारा ‘नार्को टेस्ट’ करवाने की शर्त पर खुद इस टेस्ट से गुजरने के दावे के बाद पुनिया और विनेश ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं लेकिन यह टेस्ट लाइव होना चाहिए।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर लगे स्टॉक हेर-फेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी के शेयरों में संदिग्ध कारोबार के लिए छह कंपनियां जांच के दायरे में हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले अडानी के स्क्रिप्स (नए शेयर निर्मित कर मौजूदा शेयरधारकों में बांट देने) में शॉर्ट पोजिशन का निर्माण हुआ था, और उसके बाद शेयरों में गिरावट आते ही पर्याप्त मुनाफा कमाया गया था. ‘शॉर्ट’ पोजीशन आम तौर पर उस स्टॉक की बिक्री होती है, जो एक व्यक्ति/संस्था के पास नहीं है. शॉर्ट बिक्री करने वाले निवेशकों का मानना होता है कि शेयरों की कीमत में गिरावट आएगी. अगर कीमत गिरती है, तो वे कम कीमत पर शेयर खरीद सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं.

मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने आगजनी और घरों को जलाने की ताजा खबरों का हवाला देते हुए राज्य में मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर प्रतिबंध पांच दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। यह प्रतिबंध पहली बार 3 मई को लगाया गया था जब चूड़ाचांदपुर जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा कई अन्य जिलों में फैल गई थी। इस हिंसा में कम से कम 73 लोग मारे गए हैं और 3,50,000 से अधिक विस्थापित हुए हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के ‘फ्रीबीज़’ देने को लेकर आलोचनात्मक पोस्ट लिखने के लिए राज्य के एक सरकारी शिक्षक को निलंबित करने की खबर आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, चित्रदुर्ग ज़िले होसदुर्गा तालुक के शिक्षक शांतामूर्ति एमजी ने सरकार के मुफ्त में सामान और सुविधा देने के वादों पर सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर हमेशा क़र्ज़ बढ़ जाता है. चित्रदुर्ग में जिला उप-निदेशक के. रविशंकर रेड्डी ने कहा कि उन्होंने शिक्षक के निलंबन का आदेश दिया है, क्योंकि उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम-1966 का उल्लंघन किया है.

भिवानी हत्याकांड मामले में राजस्थान पुलिस ने एफआईआर में बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर और 20 अन्य को नामजद किया है. राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, रविवार को राजस्थान पुलिस ने घोषणा की कि उसने एफआईआर में 21 लोगों को आरोपी बनाया है. भरतपुर के एसपी ने कहा कि ये सभी लोग सबूत नष्ट करने और वित्तीय सहायता एवं आश्रय प्रदान करने के साथ-साथ अन्य आरोपियों को फरार कराने के आरोपी हैं.

असम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय दौरे से पहले गुवाहाटी में निषेधाज्ञा लागू करते हुए लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है. एनडीटीवी के मुताबिक, शाह के बुधवार रात गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है. एसपी द्वारा साझा की गई अधिसूचना में कहा गया है कि कुछ निर्दिष्ट व्यक्तियों या समूहों द्वारा आने वाले दिनों में कार्यालयों के सामान्य कामकाज और जनता की आवाजाही और यातायात को बाधित करने की संभावना है. यह भी आशंका है कि ये समूह या व्यक्ति शहर में आंदोलन या प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था भंग हो सकती है. पुलिस कमिश्नरेट के पूरे अधिकारक्षेत्र में पांच से अधिक व्यक्तियों के जमावड़े और जुलूस या नारेबाजी पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है.

2019 में आम चुनावों से पहले हुए पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. द हिंदू के अनुसार, मलिक ने अलवर जिले के बानसूर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘चुनाव (लोकसभा 2019) हमारे सैनिकों के शवों पर लड़े गए थे और कोई जांच नहीं की गई थी. अगर जांच की जाती, तो तत्कालीन गृह मंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफा देना पड़ता. कई अधिकारियों को जेल होती और एक बड़ा विवाद होता.’