पुणे पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 54 वर्षीय वासुदेव निवरुत्ति तायड़े के रूप में की गई है. तायड़े की गिरफ़्तारी के साथ लगभग तीन महीने के दौरान ऐसे तीसरे व्यक्ति को पकड़ा गया है, जो ख़ुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात होने का दावा करते हुए लोगों को ठगते थे.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की पुणे पुलिस की अपराध शाखा (Crime Branch) ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इस सप्ताह के शुरू में औंध में एक धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद इस जालसाज को पकड़ा गया.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 54 वर्षीय वासुदेव निवरुत्ति तायड़े के रूप में हुई है, जो खुद को पीएमओ में उपसचिव के पद पर तैनात डॉ. विनय देव बताता था. उसका दावा था कि वह खुफिया कामों में शामिल था.
पुणे शहर के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पुणे स्थित संगठन बॉर्डरलेस वर्ल्ड फाउंडेशन ने सोमवार (29 मई) को औंध क्षेत्र में एक समारोह आयोजित किया था, जहां एक धर्मार्थ पहल के तहत जम्मू कश्मीर में एक एम्बुलेंस भेजी जानी थी.
डॉ. विनय देव के रूप में आए व्यक्ति ने कार्यक्रम में भाग लिया और दावा किया कि वह एक आईएएस अधिकारी है. क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि संगठन के ट्रस्टियों ने उसकी हरकतों और दावों को संदिग्ध पाया और पुलिस को उसकी सूचना दी.
क्राइम ब्रांच की यूनिट-1 की एक टीम ने जांच शुरू करने के बाद उस व्यक्ति का पता लगाया और उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. तालेगांव दाभाडे निवासी तायड़े को उसके घर से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमोल ज़ेंडे ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि संदिग्ध आईएएस अधिकारी बनकर घूम रहा था. हम जांच कर रहे हैं कि क्या उसने छद्म रूप से किसी और प्रतिष्ठानों या लोगों को धोखा दिया है.’
तायड़े पर धोखाधड़ी और छद्म रूप बदलने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने उसके पुराने रिकार्ड की जांच शुरू कर दी है.
मालूम हो कि लगभग तीन महीने के दौरान ऐसे तीसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है, जो खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात होने का दावा करते हुए लोगों को ठगते थे.
इससे पहले बीते 26 अप्रैल को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संजय राय ‘शेरपुरिया’ नाम के एक व्यवसायी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. इस शख्स और उसके सहयोगियों पर पीएमओ से जुड़े होने का दावा करते हुए कई लोगों और संगठनों से धन एकत्र करने का आरोप लगा था.
जांच में पता चला था शेरपुरिया ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को 25 लाख रुपये उधार दिए थे.
इससे पहले बीते 3 मार्च खुद का पीएमओ में एक वरिष्ठ अधिकारी बताने वाले गुजरात के व्यक्ति को जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है.
पटेल सुरक्षा बलों और अधिकारियों को चकमा देकर यह व्यक्ति इस दौरान कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था. उसके भाजपा से जुड़े होने की बात भी सामने आई थी.