यूपी: पीएमओ से जुड़े होने का दावा कर लोगों को ठगने के आरोप में एक और शख़्स गिरफ़्तार

लखनऊ से गिरफ़्तार किए गए संजय राय 'शेरपुरिया' नाम के व्यक्ति पर प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ाव बताते हुए कई लोगों और संगठनों से पैसे लेने का आरोप है. इससे पहले मार्च में जम्मू कश्मीर पुलिस ने पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा करने वाले गुजरात के ठग किरण पटेल को गिरफ़्तार किया था.

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संजय राय 'शेरपुरिया'. (फोटो साभार: फेसबुक)

लखनऊ से गिरफ़्तार किए गए संजय राय ‘शेरपुरिया’ नाम के व्यक्ति पर प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ाव बताते हुए कई लोगों और संगठनों से पैसे लेने का आरोप है. इससे पहले मार्च में जम्मू कश्मीर पुलिस ने पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा करने वाले गुजरात के ठग किरण पटेल को गिरफ़्तार किया था.

संजय राय ‘शेरपुरिया’. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार (26 अप्रैल) को संजय राय ‘शेरपुरिया’ नाम के एक व्यवसायी को लखनऊ से इस आरोप में गिरफ्तार किया है कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जुड़े होने का दावा करते हुए कई लोगों और संगठनों से धन एकत्र किया. इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि राय और उनके सहयोगियों ने पीएमओ का हवाला देकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, राय पुलिस के जाल में तब फंसा जब पुलिस को सूचना मिली कि उसने दिल्ली के एक व्यवसायी गौरव डालमिया से 6 करोड़ रुपये लिए हैं और उनसे वादा किया है कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ की जा रही जांच से उनका नाम निकलवा देगा.

एसटीएफ ने उसे कानपुर रेलवे स्टेशन पर उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह दिल्ली से गाजीपुर जा रहा था. उसे लखनऊ के विभूति खंड थाने को सौंप दिया गया. दो दिन पहले, राय के सहयोगी काशिफ को नोएडा में कई स्थानों पर पुलिस की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था.

एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि खुफिया ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत केंद्रीय एजेंसियां इस ‘हाई प्रोफाइल मामले’ की जांच और इसमें की जा रही कार्रवाई की निगरानी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि एसटीएफ इस मामले की जांच नहीं कर रही है.

राय गाजीपुर को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के नारे के साथ एक ‘फॉर यूथ’ नामक एनजीओ चलाते हैं. आरोप है कि उन्होंने अपने कथित अवैध धन को अपने एनजीओ के माध्यम से ठिकाने लगाया है.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर, केशव प्रसाद मौर्य और मोहन भागवत सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कई नेताओं के साथ राय की तस्वीरें दिखाई गई हैं. द वायर  इन तस्वीरों की सत्यता की तत्काल पुष्टि नहीं कर सकता है.

कहा जाता है कि राय 2017 में गाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट के दावेदार थे. हालांकि, वह टिकट हासिल करने में असफल रहे. यह भी बताया गया है कि वह वाराणसी में 2019 के भाजपा के संसदीय चुनाव अभियान में शामिल हुए थे.

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं. राय ने मोदी पर एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम ‘दिव्य दृष्टि मोदी’ है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते मार्च महीने में गुजरात के किरण पटेल नामक ठग को जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. किरण पटेल ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उनके रहने के लिए पांच सितारा होटल की व्यवस्था करने के साथ ही ज़ेड प्लस सुरक्षा भी दी गई थी.

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया था कि उनके खिलाफ उनके गृह राज्य (गुजरात) में तीन मामले दर्ज हैं. इसके बाद किरण पटेल के भाजपा के साथ भी कथित संबंध की बात भी सामने आई थी.

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