पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में 5 जून को एक ‘जन चेतना महारैली’ का आयोजन करने वाले हैं. इससे पहले वह अपने प्रभाव वाले देवीपाटन क्षेत्र के में भीड़ को लामबंद कर रहे हैं. क्षेत्र के विधायकों के साथ संतों ने उनका समर्थन किया है.
नई दिल्ली: जहां अंतरराष्ट्रीय खेल निकाय भारत में पहलवानों के विरोध का समर्थन करने के साथ उनके साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के देवीपाटन क्षेत्र, जहां सिंह का व्यापक राजनीतिक प्रभाव है, के कई भाजपा विधायक उनके समर्थन में सामने आए हैं और अयोध्या में शक्ति प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटा रहे हैं.
पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में 5 जून को एक ‘जन चेतना महारैली’ का आयोजन करने वाले हैं.
सिंह की रैली को नई दिल्ली में उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिला पहलवानों के खिलाफ हिंदू धार्मिक नेताओं के समर्थन को मजबूत करने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
इस आयोजन से पहले वह देवीपाटन क्षेत्र के गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों से भीड़ को लामबंद कर रहे हैं और भाजपा विधायक इसमें उनकी मदद कर रहे हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर पार्टी ने विवाद को लेकर उनकी गतिविधियों से दूरी बनाए रखी है.
गोंडा, बलरामपुर और अयोध्या में भाजपा के जिलाध्यक्षों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि हालांकि पार्टी कार्यकर्ताओं को रैली में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया है, लेकिन कई लोग अपनी व्यक्तिगत क्षमता में इसमें शामिल होंगे.
कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में सभाएं की हैं और लोगों से बड़ी संख्या में रैली में शामिल होने का आग्रह किया है.
बहराइच में हुई बैठक में क्षेत्र से भाजपा एमएलसी डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, जो यूपी में भाजपा महिला मोर्चा की एक पदाधिकारी भी हैं, ने विशेष रूप से महिलाओं से रैली में भाग लेने का आग्रह किया.
बलरामपुर में भाजपा विधायक पल्टू राम और तुलसीपुर से विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने भी सिंह के खिलाफ विवाद को ‘साजिश’ करार देते हुए लोगों से रैली में शामिल होने का आग्रह किया है.
अयोध्या के प्रमुख संतों ने कथित तौर पर सिंह के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रैली में संत पॉक्सो अधिनियम का भी विरोध करेंगे, उनका दावा है कि इसमें ‘कई खामियां और दोषपूर्ण धाराएं हैं’.
Sants in Ayodhya back BJP MP Brij bhushan Sharan Singh.
Wrestlers protest is being politicised. As far as we know, he (Brij Bhushan) hasn't sexually harassed anyone: Mahant Gauri Shankar Das pic.twitter.com/ac2dkhOuNf
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) May 30, 2023
महंत सत्येंद्र दास ने कहा, ‘हम अयोध्या के संत और देश के अन्य धार्मिक स्थलों के लोग बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में रैली करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम पॉक्सो कानून का भी विरोध करेंगे क्योंकि इसमें कई खामियां और दोषपूर्ण धाराएं हैं.’
पहलवानों ने पुलिस और भाजपा सरकार पर सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है, हालांकि उनके खिलाफ दो एफआईआर में से एक पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, जो आमतौर पर तेज और कड़ी कार्रवाई की बात कहती है.
उनका आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह के पीछे उनकी पार्टी खड़ी है और यह रविवार (28 मई) को स्पष्ट हो गया, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया था.
वहीं दूसरी ओर 28 मई को ही साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने जंतर मंतर रोड पर अपने धरने के 35वें दिन नए संसद भवन तक मार्च करने का प्रयास किया था. उन पर सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद दंगा करने का आरोप लगाया गया था.
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.
कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.
हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.
सात दिनों के विरोध के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
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