भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में बीते 1 जून को यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर में खाप महापंचायत हो रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि खापों के प्रतिनिधि राष्ट्रपति और सरकार से मिलेंगे और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, लड़ाई जारी रहेगी.
नई दिल्ली: बीते बृहस्पतिवार (1 जून) को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित एक खाप महापंचायत ने फैसला किया कि भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के लिए न्याय मांगने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति और सरकार से मिलेंगे और अगर वे (बृजभूषण शरण सिंह पर) कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो हम अगला कदम उठाएंगे.’
बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. आरोप लगाने वालों में विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट के साथ ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित है, इसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.
सिंह ने आरोपों से इनकार किया है और बुधवार को कहा कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो वह ‘खुद को फांसी पर लटका लेंगे’.
भाजपा सांसद के समर्थन में संतों ने पॉक्सो कानून को हल्का करने के लिए संशोधन की भी मांग की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बृहस्पतिवार को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के खाप नेताओं ने मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में भाग लिया.
इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा, ‘खाप पंचायत और ये लड़कियां (पहलवान) हार नहीं पाएंगी. जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा.’
टिकैत ने कहा कि खाप शुक्रवार (2 जून) को कुरुक्षेत्र में एक और बैठक करेगी, जहां और फैसले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘खापों के प्रतिनिधि पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रपति और सरकार से मिलेंगे और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक लड़ाई जारी रहेगी.’
पहलवानों के विरोध को भारतीय किसान यूनियन के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने भी समर्थन दिया है. इसने ‘पहलवानों द्वारा विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए’ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है. उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की भी मांग की है.
पीटीआई के अनुसार, 5 जून को अयोध्या में संतों के एक समूह ने सिंह के समर्थन में एक रैली के आयोजन की योजना बनाई है. इसी दिन किसान संगठन प्रदर्शन कर विरोधस्वरूप सिंह का पुतला जलाएंगे.
बीते 30 मई को ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट अपने पदकों को गंगा नदी में फेंकने के लिए अपने समर्थकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी गए थे.
लेकिन किसान नेताओं द्वारा उन्हें कठोर कदम न उठाने के लिए मनाने के बाद पहलवानों ने अपने पदक नदी में नहीं फेंकने का फैसला किया.
किसान नेताओं ने उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए पांच दिन का समय मांगा है.
पहलवानों ने इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर बैठने की भी योजना बनाई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है.
पीटीआई के मुजाबिक, पुलिस ने बताया कि वे उन्हें धरने पर बैठने के लिए वैकल्पिक विकल्प सुझाएंगे.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘इंडिया गेट विरोध स्थल नहीं है और हम उन्हें (पहलवानों) वहां विरोध करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने अब तक इस तरह के किसी भी अनुरोध के लिए हमसे संपर्क नहीं किया है. यदि वे विरोध करना चाहते हैं, तो उन्हें संबंधित डीसीपी को एक लिखित पत्र देना होगा, जिसके बाद कोई कदम उठाया जाएगा.’
बीते 28 मई को साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने जंतर मंतर रोड पर अपने धरने के 35वें दिन नए संसद भवन तक मार्च करने का प्रयास किया था. उन पर सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद दंगा करने का आरोप लगाया गया था.
उस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया था और बृजभूषण शरण सिंह समारोह में शामिल हुए थे.
संसद के उद्घाटन से पहले विनेश फोगट ने कहा था, ‘इतना सब होने के बाद भी अगर वह रविवार को संसद में उपस्थित होते हैं तो आप समझ सकते हैं कि देश किस ओर जा रहा है.’
पहलवानों के विरोध के जवाब में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सरकार स्थिति को संवेदनशील तरीके से संभाल रही है.
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.
कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.
हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.
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