असम: सरकारी नौकरी के बदले ठगी के आरोप में एक और भाजपा नेता गिरफ़्तार

असम भाजपा की अल्पसंख्यक इकाई के राज्य कार्यकारी सदस्य अंसारुल हक़ चौधरी पर सरकारी नौकरी के लिए एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. पिछले हफ्ते कार्बी आंगलोंग ज़िले में पुलिस ने इसी तरह के आरोप में भाजपा नेता मून इंगटिपी को गिरफ़्तार किया था.

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भाजपा नेता अंसारुल हक चौधरी. (फोटो साभार: फेसबुक/Ansarul Choudhury)

असम भाजपा की अल्पसंख्यक इकाई के राज्य कार्यकारी सदस्य अंसारुल हक़ चौधरी पर सरकारी नौकरी के लिए एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. पिछले हफ्ते कार्बी आंगलोंग ज़िले में पुलिस ने इसी तरह के आरोप में भाजपा नेता मून इंगटिपी को गिरफ़्तार किया था.

भाजपा नेता अंसारुल हक चौधरी. (फोटो साभार: फेसबुक/Ansarul Choudhury)

नई दिल्ली: असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक और नेता को सरकारी नौकरी के लिए एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गुरुवार (1 जून) को गिरफ्तार किया गया. हैलाकांडी पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, असम भाजपा की अल्पसंख्यक इकाई के राज्य कार्यकारी सदस्य अंसारुल हक चौधरी को गुरुवार को हैलाकांडी जिला पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज एक एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया है.

पिछले एक हफ्ते में अंसारुल हक चौधरी असम में दूसरे ऐसे भाजपा नेता हैं, जिन्हें राज्य सरकार की नौकरियों के लिए कथित रूप से पैसे लेने और लोगों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पिछले हफ्ते कार्बी आंगलोंग जिले में पुलिस ने इसी तरह के आरोप में एक और भाजपा पदाधिकारी मून इंगटिपी को गिरफ्तार किया था.

मून भाजपा के किसान मोर्चा की सचिव थीं. पार्टी नेताओं ने बताया था कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था.

दोनों मामलों में पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने जिला और राज्य स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल​ किया था.

पुलिस ने कहा कि अंसारुल को धलाई मोलाई गांव के दिलवर हुसैन बरभुइया की शिकायत के संबंध में हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटों बाद गुरुवार शाम को गिरफ्तार किया गया था. एफआईआर के अनुसार, चौधरी ने बरभुइया से सरकारी नौकरी के लिए तीन लाख रुपये मांगे थे.

बरभुइया ने शिकायत में कहा, ‘हमने उन्हें पैसे दिए क्योंकि उन्होंने कहा था कि उनका मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के साथ व्यक्तिगत संबंध है. उन्होंने हमें मुख्यमंत्री के साथ अपनी तस्वीरें दिखाई थी.’

बरभुइया ने कहा कि अंसारुल ने कुछ महीने पहले और पैसे मांगे थे और उन्होंने उन्हें तीन किश्तों में 5 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन चौधरी अपना वादा पूरा नहीं कर सके.

बरभुइया की शिकायत में कहा गया है, ‘राज्य सरकार ने पिछले महीने नियुक्ति पत्र बांटे और हमारे उम्मीदवार का नाम उसमें नहीं था.’

पुलिस ने कहा कि अंसारुल हक चौधरी के खिलाफ इसी तरह की और भी शिकायतें मिली थीं. इन सभी मामलों में चौधरी ने अपने पीड़ितों को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और पीजूष हजारिका और अजंता निओग जैसे अन्य सरकारी पदाधिकारियों के साथ अपनी तस्वीरों के बल पर उन पर विश्वास करने के लिए राजी किया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था.

भाजपा की हैलाकांडी इकाई के अध्यक्ष स्वपन भट्टाचार्जी ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी की जानकारी है, लेकिन उन्होंने यह दावा करते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि मामला अदालत में है.

उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘हम मानते हैं कि कानून और पुलिस मामले की जांच कर रहे हैं, हमें उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी.’ उन्होंने कहा कि राज्य समिति अंसारुल के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पर फैसला करेगी.