पाकिस्तान सरकार ने देश के मीडिया घरानों से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के भाषणों, बयानों, ट्वीट या तस्वीरों को प्रकाशित या प्रसारित करने से परहेज करने का आग्रह किया है. साथ ही वह यह सुनिश्चित कर रही है कि उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी रोक लगे.
नई दिल्ली: पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को देश के मीडिया घरानों से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषणों, बयानों, ट्वीट या तस्वीरों को प्रकाशित या प्रसारित करने से परहेज करने का आग्रह किया.
सरकार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित कर रही है कि 70 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी रोक लगे.
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों को निर्देशित किया गया है कि वे खान के भाषणों, बयानों, ट्वीट्स को प्रकाशित या प्रसारित न करें या उनकी तस्वीरों को प्रदर्शित न करें.
अधिकारी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इमरान खान का मीडिया कवरेज पूरी तरह से बंद हो.’
एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि पाकिस्तानी मीडिया घरानों को ‘शक्तिशाली हलकों’ द्वारा खान को कोई कवरेज नहीं देने के लिए स्पष्ट रूप से कहा गया है.
उन्होंने कहा कि शुक्रवार से इमरान खान के मीडिया कवरेज पर रोक लागू किया गया है.
सरकारी आदेश पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) द्वारा सभी सैटेलाइट टीवी चैनलों को 9 मई की हिंसा के अपराधियों को बढ़ावा नहीं देने के निर्देश के एक दिन बाद आया है.
आदेश में उन्हें यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है कि सुसंगतता और राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा दिया जाए और घृणा फैलाने वालों, दंगाइयों, उनके मददगारों और अपराधियों को मीडिया से पूरी तरह से बाहर कर दिया जाए.
पीईएमआरए ने इमरान खान का नाम लिए बगैर कहा, ‘उन लोगों को कवरेज देने से बचना चाहिए जो नफरत फैलाने वाले भाषण देते हैं और महासंघ और राज्य संस्थानों के खिलाफ जन भावनाओं को भड़काते हैं.’
इसमें कहा गया है कि राजनीतिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले नफरत फैलाने वाले जनता को भड़का कर पाकिस्तान और राज्य संस्थानों के खिलाफ अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं.
आदेश के मुताबिक, ‘इस तरह की सभी सरकार विरोधी गतिविधियों को एक राजनीतिक दल के राजनीतिक रूप से आवेशित लोग बड़े पैमाने पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भड़काने के लिए नफरत फैलाने वालों के रूप में व्यवहार कर रहे हैं.’
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश में सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले में कथित रूप से शामिल होने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है.
बीते 9 मई को पूरे पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी, जब क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी भवन क्षतिग्रस्त कर दिए गए थे. हिंसा में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को भी आग लगा दी गई थी, जिसमें 10 से अधिक लोग मारे गए थे.
गिरफ्तारी के दो दिन बाद इमरान खान को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
खान ने कहा है कि हिंसा में 25 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ता मारे गए थे और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. उनमें से 4,000 पंजाब से हैं.