यूपी: दलित छात्र ने ग्रेटर नोएडा पुलिस पर मारपीट और पेशाब पीने को मजबूर करने का आरोप लगाया

क़ानून के छात्र ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर बीटा-2 पुलिस थाने में बुरी तरह मारपीट करने के साथ उन्हें जबरन पेशाब पीने के लिए मजबूर ​किया गया था. साथ ही जबरन वसूली के एक झूठे मामले में उन्हें पिछले साल जेल भेज दिया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

क़ानून के छात्र ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर बीटा-2 पुलिस थाने में बुरी तरह मारपीट करने के साथ उन्हें जबरन पेशाब पीने के लिए मजबूर ​किया गया था. साथ ही जबरन वसूली के एक झूठे मामले में उन्हें पिछले साल जेल भेज दिया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कानून के 22 वर्षीय एक छात्र ने आरोप लगाया है कि ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और जबरन वसूली के एक मामले में झूठा फंसाया गया, जिसमें उसे पिछले साल जेल भेज दिया गया था.

दलित समुदाय से आने वाले बीए एलएलबी द्वितीय वर्ष के इस छात्र ने यह भी आरोप लगाया कि उसे पुलिसकर्मियों द्वारा पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया था और उन्होंने यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर बीटा-2 पुलिस थाने में उसकी पिटाई की थी.

एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि छात्र के दावों की जांच की जा रही है. जब इस मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) अशोक कुमार से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय के अधीन है और मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.

छात्र ने दावा किया कि उन्होंने गौतम बुद्ध नगर पुलिस को एक स्पा और मसाज सेंटर से चलाए जा रहे सेक्स रैकेट के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि इसके मालिक और एक महिला को जून 2021 में नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

अलीगढ़ जिले के रहने वाले छात्र ने आरोप लगाया, ‘महिला और उसके पति, जो मेरे दोस्त थे, ने मुझे जबरन वसूली के झूठे मामले में फंसाया. मुझे पुलिस ने पिछले साल 18 नवंबर को ग्रेटर नोएडा में एसएनजी प्लाजा के बाहर से उठाया था और बीटा-2 पुलिस स्टेशन पर मेरे साथ बर्बर तरीके से मारपीट की गई थी.’

समाचार एजेंसी पीटीआई से नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया, ‘मुझे इस हद तक पीटा गया था कि खून बहना शुरू हो गया था. मैंने उनसे आग्रह किया कि मेरा ऑपरेशन हुआ है. बाद में जब मैंने पीने के लिए पानी मांगा, तो मुझे बाथरूम से बर्तन में पेशाब लाकर जबरन पिलाया गया. मैंने विरोध किया और बर्तन फेंक दिया.’

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने दोपहर 1:30 बजे के आसपास उठाया था, लेकिन आधिकारिक तौर पर शाम 5 बजे के बाद हिरासत में दिखाया गया.

छात्र ने कहा कि एक पखवाड़े से भी कम समय जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन उसके बाद से वह अपने खिलाफ ‘झूठी एफआईआर’ रद्द करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने दावा किया कि वह अपने अनुरोध के साथ कई अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन उनके मामले में देरी की जा रही है.

पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए छात्र ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो. अगर मैंने कुछ गलत किया है, तो मुझ पर आरोप लगाएं. मेरे पास अपना मामला साबित करने के लिए सबूत हैं. मैं न्याय मांगूंगा.’

इस सप्ताह सोशल मीडिया पर छात्र के साथ कथित तौर पर मारपीट किए जाने के कुछ छोटे वीडियो क्लिप सामने आए थे.

इसके बाद गौतम बौद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ट्वीट किया, ‘घटना एक साल पुरानी है. वीडियो की प्रामाणिकता का पता लगाया जा रहा है और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) द्वारा घटना से जुड़े अन्य कोणों की जांच की जा रही है.’

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