मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख बोले- क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है

मणिपुर में रहने वाले एक पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने ट्वीट किया था कि राज्य 'स्टेटलेस' स्थिति में हैं, जहां कोई भी कभी भी किसी की ज़िंदगी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सेना प्रमुख (रिटायर्ड) जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि वहां क़ानून-व्यवस्था पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए. 

(फाइल फोटो साभार: द फ्रंटियर मणिपुर)

मणिपुर में रहने वाले एक पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने ट्वीट किया था कि राज्य ‘स्टेटलेस’ स्थिति में हैं, जहां कोई भी कभी भी किसी की ज़िंदगी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सेना प्रमुख (रिटायर्ड) जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि वहां क़ानून-व्यवस्था पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए.

(फोटो साभार: द फ्रंटियर मणिपुर)

नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच पूर्व सेना प्रमुख (रिटायर्ड) जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर बैठे लोगों द्वारा तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जनरल मलिक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एल. निशिकांत सिंह के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि अब उनका राज्य ‘स्टेटलेस’ हो चुका है.

सिंह का ट्वीट था, ‘मैं एक आम भारतीय हूं जो मणिपुर में अपनी रिटायर्ड जिंदगी गुजार रहा है. लेकिन राज्य अब ‘स्टेटलेस’ हो गया है. जिंदगी और संपत्ति को कोई भी कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे लीबिया, लेबनान, सीरिया आदि में हुआ करता था. ऐसा लगता है कि मणिपुर को इसके हाल पर छोड़ दिया गया है. क्या कोई है जो सुन रहा है?’

इसे रीट्वीट करते हुए जनरल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए लिखा, ‘मणिपुर से एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल की बेहद दुखी कर देने वाली आवाज. मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर तत्काल उच्चतम स्तर द्वारा ध्यान दिए जाने की जरूरत है.’

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में बीते डेढ़ महीने से अधिक समय से जातीय संघर्ष जारी हैं. ताजा घटनाक्रम में उपद्रवी भीड़ द्वारा राज्य के भाजपा नेताओं के घर आग लगाने का प्रयास किया गया.

इंफाल में बीती कुछ रातों से व्याप्त तनावपूर्ण माहौल शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को भी जारी रहा. भीड़ के जुटने और तोड़-फोड़ के प्रयास और आगजनी की कई घटनाओं की भी सूचना मिली है. पुलिस और सेना के सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार रात संघर्षग्रस्त मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चूड़ाचांदपुर जिले के कांगवई से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई और शनिवार सुबह तक रुक-रुककर गोलीबारी की खबरें आ रही थीं.

इससे पहले बुधवार शाम को भाजपा विधायक और राज्य के कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम स्थित सरकारी क्वार्टर में आग लगा दी गई थी. इंफाल पूर्वी जिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने आग लगा दी थी. दोनों ही नेता घटना के समय घर पर नहीं थे.

अपना घर जलाए जाने पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री सिंह ने कहा था कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से विफल हो चुकी है.

इस बीच, राज्य इंटरनेट पर प्रतिबंध 20 जून तक बढ़ा दिया गया है. बीते 3 मई से कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. लगभग 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.