ओम राउत के निर्देशन में बनी हिंदी फिल्म ‘आदिपुरुष’ बीते 16 जून को रिलीज़ होने के साथ अपने संवादों, किरदारों के चरित्र चित्रण और तथ्यों की वजह से विवादों में है. फिल्म में सीता को ‘भारत की बेटी’ बताने वाले संवाद पर नेपाल की राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के मेयरों ने नाराज़गी जताई है.
नई दिल्ली: हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई प्रभाष और कृति सेनन अभिनीत ‘आदिपुरुष’ फिल्म के संवादों की देश और विदेश में आलोचना हो रही है. पड़ोसी देश नेपाल में भी इसे लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. नतीजतन यहां के दो शहरों राजधानी काठमांडू और पोखरा में सभी भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ओम राउत के निर्देशन में बनी यह फिल्म 16 जून को रिलीज़ होने के साथ अपने संवादों (Dialogues), किरदारों के चरित्र चित्रण और तथ्यों की वजह से विवादों में है.
काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने अपने सोशल मीडिया पर ऐलान किया है कि काठमांडू महानगर क्षेत्र में कोई भी भारतीय फिल्म नहीं दिखाई जाएगी. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सभी सिनेमाघरों को इस प्रतिबंध के बारे में सूचित कर दिया गया है.
इसी तरह, पोखरा शहर में भी भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस संबंध में घोषणा रविवार (18 जून) को यहां के मेयर द्वारा की गई. मध्य नेपाल के इस शहर के सिनेमाघरों को सोमवार सुबह से सभी बॉलीवुड फिल्मों का प्रदर्शन बंद करने का निर्देश दिया गया है.
रविवार शाम काठमांडू के मेयर बालेन शाह द्वारा भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाए जाने के तुरंत बाद पोखरा के मेयर धनराज आचार्य ने तीन सिनेमाघरों को पत्र भेजकर उन्हें सभी भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन बंद करने का निर्देश दिया.
फिल्म के रिलीज होने से एक दिन पहले शाह ने ‘सीता (जानकी) भारत की बेटी हैं’ बताने वाले संवादों को हटाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया था. मेयर ने तीन दिनों के भीतर संवाद संपादित नहीं करने पर सभी भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, काठमांडू मेयर ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘भारतीय फिल्म आदिपुरुष में एक संवाद है, जिसमें दावा किया गया है कि जानकी भारत की बेटी थीं, जो आपत्तिजनक है और हमने इसे ठीक करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हर सरकार, सरकारी एजेंसी, गैर-सरकारी क्षेत्र और नेपाली नागरिक का पहला कर्तव्य है कि वह नेपाल की स्वतंत्रता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान को अक्षुण्ण रखते हुए राष्ट्रीय हित की रक्षा करे.’
— Balen Shah (@ShahBalen) June 18, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, शुक्रवार (16 जून) को आदिपुरुष काठमांडू में रिलीज नहीं हुई थी, जबकि रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि निर्माता संवाद को संपादित करने के लिए सहमत हो गए हैं. काठमांडू के मेयर ने मांग की थी कि न केवल नेपाल में, बल्कि भारत में भी संवादों को ठीक किया जाना चाहिए.
रविवार को उन्होंने कहा कि काठमांडू महानगर में सभी भारतीय फिल्में तब तक प्रतिबंधित रहेंगी, जब तक कि ‘आपत्तिजनक’ हिस्से को हटा नहीं दिया जाता. नेपाल के फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने कहा कि ‘सीता को भारत की बेटी’ बताने वाले संवाद को बदलने के बाद ही सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की अनुमति दी जाएगी.
शाह ने कहा, ‘अगर फिल्म को जस का तस दिखाया जाता है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि इससे नेपाल की राष्ट्रीयता, सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय पहचान को गंभीर नुकसान पहुंचेगा और अपूरणीय क्षति होगी.’
उन्होंने फिल्म द्वारा नेपाल पर सांस्कृतिक अतिक्रमण किए जाने का आरोप लगाया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘अगर फिल्म को देश के भीतर अन्य क्षेत्रों में और विदेश में दिखाए जाने की अनुमति दी जाती है, तो यह एक भ्रामक तथ्य स्थापित करेगा. इसलिए काठमांडू महानगर में किसी भी भारतीय फिल्म को दिखाने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, जब तक कि उक्त फिल्म से आपत्तिजनक हिस्सों को हटा नहीं दिया जाता है.’
रिकॉर्ड के अनुसार, काठमांडू महानगर क्षेत्र में 17 सिनेमाघर हैं.
काठमांडू के मेयर ने नेपाल सरकार से भारत के साथ राजनयिक तरीके से समाधान के लिए भी कहा.
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि दोनों महानगरों के मेयर के आदेश के बाद दोनों जगह के सिनेमाघरों ने अपने शेड्यूल से हिंदी या बॉलीवुड फिल्मों की स्क्रीनिंग को हटा दिया है और उनकी जगह हॉलीवुड और नेपाली फिल्मों को दे दी है.
फिल्म पर प्रतिबंध की घोषणा के तुरंत बाद ‘आदिपुरुष’ की निर्माता कंपनी ‘टी-सीरीज’ ने नेपाली मेयर को पत्र लिखकर फिल्म के विवादित संवाद का बचाव किया. कंपनी ने दावा किया कि वह फिल्म के संवादों के जरिये महिलाओं के प्रति सम्मान दिखाना चाहती थी.
सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, जिसे टी-सीरीज के नाम से भी जाना जाता है, की राधिका दास द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, ‘हम आपसे फिल्म को इसके कलात्मक रूप में देखने और इतिहास में रुचि पैदा करने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचने के हमारे इरादे का समर्थन करने का अनुरोध करते हैं.’
बहरहाल, नेपाल के सेंसर बोर्ड द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद सीता से संबंधित विवादित संवाद को हटा दिया गया. फिल्म कंपनी ने उक्त संवाद को म्यूट कर दिया था, जिसके बाद उसे नेपाल के सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने की अनुमति मिली.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, आदिपुरुष को भारत में भी हिंदू देवी-देवताओं का चरित्र निभा रहे कलाकारों से ‘बेहुदा’ संवाद बुलवाने के कारण हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने रविवार को घोषणा की कि जो संवाद दर्शकों को आपत्तिजनक लगे, उन्हें संशोधित किया जाएगा. हालांकि इससे पहले उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर संवादों को सरल रखा है.
विपक्षी नेताओं ने आदिपुरुष के लिए भाजपा की आलोचना की, क्योंकि निर्माताओं ने फिल्म के लिए मुख्यमंत्रियों सहित कई भाजपा नेताओं को धन्यवाद दिया था.