तेलंगाना में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, ​तीन आरोपी गिरफ़्तार

तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से संबंध रखने वाले तीन लोगों को आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इसमें एक बीआरएस नेता के पति जी. अंजैया भी शामिल हैं. अंजैया ने कथित तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता की ज़मीन ​हथिया ली थी.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से संबंध रखने वाले तीन लोगों को आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इसमें एक बीआरएस नेता के पति जी. अंजैया भी शामिल हैं. अंजैया ने कथित तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता की ज़मीन ​हथिया ली थी.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

नई दिल्ली: तेलंगाना में तीन लोगों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता 70 वर्षीय नल्ला रामकृष्णैया का शव रविवार (18 जून) को जनगांव शहर के पास चंपक पहाड़ियों की एक खदान में मिला. वह 15 जून को पोचन्नापेट गांव से लापता हो गए थे.

रामकृष्णैया पूर्व मंडल परिषद विकास अधिकारी थे. वह उन लोगों के खिलाफ लड़ रहे थे, जिनके पास आवंटित भूमि थी या ये उस पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे.

रामकृष्णैया को कथित भूमि अपराधों में एक स्थानीय बीआरएस नेता के पति जी. अंजैया की भूमिका पर संदेह था. हत्या के आरोप में गिरफ्तार लोगों में अंजैया भी शामिल हैं.

जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई के लिए आरटीआई कार्यकर्ता ने सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया था. अंजैया ने कथित तौर पर रामकृष्णैया को सौंपी गई 8.2 एकड़ जमीन ​हथिया ली थी.

उन्होंने इस संबंध में एक आरटीआई आवेदन दायर कर संबंधित दस्तावेज प्राप्त किए और अंजैया को दिए गए भूमि के पट्टे को रद्द करने के लिए मानवाधिकार आयोग से संपर्क किया था.

पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि इससे नाराज अंजैया ने रामकृष्णैया को मारने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किलर्स से संपर्क किया. उसने कार्यकर्ता को पहले भी धमकी दी थी.

गौरतलब है कि देश भर में आरटीआई कार्यकर्ता अक्सर अपने काम के लिए धमकियों और हमलों का सामना करते हैं.

दिसंबर 2022 में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम (कवर्धा) जिले की पुलिस ने एक महीने से लापता एक आरटीआई कार्यकर्ता का जला हुआ कंकाल बरामद किया था. पुलिस ने इस मामले में गांव के सरपंच समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था.

अक्टूबर 2022 में गुजरात के कच्छ जिले में अवैध रेत खनन के एक आरोपी ने अपनी एसयूवी कार से एक आरटीआई कार्यकर्ता के स्कूटर को टक्कर मार दी थी. इस हमले में आरटीआई कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए थे, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे की मौत हो गई थी.

पिछले साल जून में मध्य प्रदेश के विदिशा में लोक निर्माण विभाग कार्यालय के पास अज्ञात व्यक्तियों ने आरटीआई कार्यकर्ता रंजीत सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. सोनी वहां सरकारी कामों के दस्तावेज लेने गए थे.

बिहार में नवंबर 2021 में एक 22 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता बुद्धिनाथ झा का जला हुआ शव मिला था. जिन्होंने बिहार के एक गांव में चल रहे अवैध चिकित्सा क्लीनिकों का ‘खुलासा’ किया था.

सितंबर 2021 में बिहार के आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल, जिन्होंने रामकृष्णैया की तरह भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अग्रवाल की हत्या के छह महीने बाद उनके 14 साल के बेटे ने आत्महत्या कर ली. उनके परिवार ने पुलिस पर अपराध के प्रति उपेक्षा का आरोप लगाया था.

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