द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
महाराष्ट्र के नासिक में कथित गोरक्षकों द्वारा गोमांस ले जाने के संदेह में एक 32 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. एनडीटीवी के मुताबिक, शनिवार रात मुंबई के रहने वाले वर्षीय अफान अंसारी अपने सहयोगी नासिर शेख के साथ एक कार में मांस ले जा रहे थे, जब उन्हें नासिक में कथित गोरक्षकों के समूह ने रोका और उनके साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट की. पुलिस का कहना है कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्हें एक क्षतिग्रस्त गाड़ी में दो लोग घायल मिले, जिन्हें वे पास के अस्पताल ले गए, जहां एक की इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने यह भी जोड़ा है कि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वे गोमांस ही ले जा रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारतीय मुस्लिमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता जताने वाले बयान पर भाजपा नेता उनके प्रति हमलावर नजर आ रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा को दोहराते हुए कहा कि ‘ओबामा को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो दुनिया में रहने वाले सभी लोगों को परिवार का सदस्य मानता है… उन्हें अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है.’ इससे पहले पार्टी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओबामा की आलोचना करते हुए कहा था कि ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए छह मुस्लिम-बहुल देशों पर 26,000 से अधिक बमों से हमला किया गया था. इस कड़ी में सबसे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ‘हुसैन ओबामा’ कहते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर निशाना साधा था.
मणिपुर में पचास दिनों से अधिक जारी हिंसा के बीच बीते 24 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. अब मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा है कि हिंसाग्रस्त राज्य में शांति लाने के बारे में मत रखने के लिए उन्हें गृह मंत्री द्वारा पर्याप्त समय नहीं दिया गया. एन. बीरेन सिंह के 2017 में सत्ता संभालने से पहले लगातार 15 वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे इबोबी सिंह इस बैठक में मणिपुर के एकमात्र प्रतिनिधि थे. रिपोर्ट के अनुसार, बैठक के बाद दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने शाह के संबोधन के बाद हस्तक्षेप किया और अपनी व अपनी पार्टी की बात एक साथ रखने के लिए कहा. हालांकि, उन्हें विस्तार से अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी गई और गृहमंत्री ने उनसे बाद में आकर उनसे मिलने को कहा.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक पत्रकार को भूमाफिया से धमकी मिलने के बाद गोली मारने की घटना सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शनिवार रात स्कूटर से जा रहे पत्रकार मन्नू अवस्थी को गोली मार दी गई. उन्नाव में इलाज के बाद उन्हें कानपुर रेफर कर दिया गया. पुलिस अधिकारियों ने इस बात पर संदेह जताया है कि पत्रकार को गोली मारी गई है. बताया जा रहा है कि अवस्थी ने तीन महीने पहले भूमाफियाओं द्वारा धमकी दिए जाने की बात कही थी. इसके बाद बीते मई महीने में उनके ख़िलाफ़ बलात्कार और धोखाधड़ी के केस दर्ज किए गए थे.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों ने कहा है कि वे अब सिंह के ख़िलाफ़ सड़क पर नहीं, बल्कि अदालत में लड़ेंगे. सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने एक समान ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार ने सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का अपना वादा पूरा किया है. जब तक न्याय नहीं मिल जाता, पहलवानों की लड़ाई सड़क की जगह अदालत में जारी रहेगी. इसके साथ ही पहलवानों ने कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लेने की भी बात कही है.
बिहार में तीन हफ्ते के भीतर दूसरा निर्माणाधीन पुल ढह गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किशनगंज जिले में मेची नदी पर बनाए जा रहे एक और पुल का एक हिस्सा बीते 24 जून को ढह गया. 1,080 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पुल किशनगंज और कटिहार जिलों को जोड़ने वाली 49 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क का हिस्सा है. पुल का निर्माण पिछले साल शुरू हुआ था और अगले साल इसका उद्घाटन होना था. रविवार को एनएचएआई ने परियोजना का हिस्सा रहे चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इससे पहले भागलपुर जिले में बीते 4 जून की शाम गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का 200 मीटर का हिस्सा ढह गया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल के कार्यालयों और आवास पर छापेमारी की. द स्टेट्समैन के अनुसार, यह कार्रवाई श्रीलंकाई कंपनी को टूना मछली के निर्यात में कथित घोटाले सहित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के सिलसिले में की गई थी. द हिंदू के अनुसार, छापेमारी के दायरे में फैज़ल का नई दिल्ली कार्यालय भी था. साथ ही, उनसे जुड़े एक व्यक्ति के घर और दफ्तर की तलाशी भी ली गई. ज्ञात हो कि मोहम्मद फ़ैज़ल हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए गए थे. बाद में केरल हाईकोर्ट ने उनकी सज़ा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद मार्च महीने उनकी सदस्यता बहाल की गई.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के आगामी 11 जुलाई को होने वाले चुनावों पर गौहाटी हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) की याचिका सुनते हुए यह आदेश दिया है. एडब्ल्यूए ने डब्ल्यूएफआई, भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय के खिलाफ दायर अपनी याचिका में कहा कि यह डब्ल्यूएफआई का एक संबद्ध सदस्य होने का हकदार था, लेकिन 15 नवंबर 2014 को गोंडा में डब्ल्यूएफआई की जनरल काउंसिल में तत्कालीन डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति द्वारा की गई सिफारिश के बावजूद इसे अनुमति नहीं दी गई. एडब्ल्यूए ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया तब तक रोक दी जानी चाहिए, जब तक कि उनकी संस्था को डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिलती और वे मतदाता सूची के लिए अपने प्रतिनिधि को नामांकित नहीं कर पाते. इसे लेकर कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई की एडहॉक कमेटी और खेल मंत्रालय को अगले आदेश तक चुनाव स्थगित करने को कहा. अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.