हाउसिंग सोसायटी के सदस्यों को फंसाने के लिए पीएफआई समर्थित पोस्टर लगाने का आरोपी गिरफ़्तार

महाराष्ट्र की नवी मुंबई पुलिस ने न्यू पनवेल स्थित एक हाउसिंग सोसायटी के 68 वर्षीय सचिव को गिरफ़्तार किया है. आरोप है कि सोसाइटी अधिकारियों का यहां के कुछ निवासियों से विवाद चल रहा था. निवासियों को फंसाने के लिए सचिव ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के पक्ष में नारे लिखे पोस्टर उनके घर के बाहर चिपका दिए थे.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: स्पेशल अरेंजमेंट)

महाराष्ट्र की नवी मुंबई पुलिस ने न्यू पनवेल स्थित एक हाउसिंग सोसायटी के 68 वर्षीय सचिव को गिरफ़्तार किया है. आरोप है कि सोसाइटी अधिकारियों का यहां के कुछ निवासियों से विवाद चल रहा था. निवासियों को फंसाने के लिए सचिव ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के पक्ष में नारे लिखे पोस्टर उनके घर के बाहर चिपका दिए थे.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: स्पेशल अरेंजमेंट)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की नवी मुंबई पुलिस ने न्यू पनवेल में एक हाउसिंग सोसायटी के 68 वर्षीय सचिव को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसने अपने हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों को फंसाने की कोशिश में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पक्ष में नारे लिख पोस्टर लगाए थे. इन सदस्यों के साथ उसका विवाद चल रहा था.

पुलिस ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी के पदाधिकारियों और कुछ निवासियों के बीच एक विवाद चल रहा था, जिसके कारण आरोपियों ने निवासियों को फंसाने के लिए उनके घर के बाहर चिपका दिए थे.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीते 24 जून को नवी मुंबई के खांडेश्वर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था कि एक अज्ञात व्यक्ति ने हाउसिंग सोसाइटी के अंदर कुछ घरों के बाहर स्टिकर पोस्ट (पोस्टर) किए थे, जिन पर ‘पीएफआई जिंदाबाद’ और ‘786’ लिखा था.

पुलिस के अनुसार, इसके अलावा कुछ घरों के बाहर पटाखे और अगरबत्तियां छोड़ दी गई थीं, जिससे न्यू पनवेल स्थित नील आंगन सोसायटी के निवासी डरे हुए और घबराए हुए थे.

हालांकि जब निवासियों को एहसास हुआ कि यह शरारत दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के लिए की गई थी, तो उन्होंने खांडेश्वर पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दी, जिसके बाद बीते 24 जून को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने परिसर के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की, जिसमें उन्होंने देखा कि सोसायटी के सचिव एकनाथ केवले बार-बार इमारत की छत पर जा रहे थे. एक जांचकर्ता ने कहा, ‘छत पर पानी की टंकी पर ‘पीएफआई जिंदाबाद’ लिखा हुआ एक स्टिकर भी चिपकाया गया था.’

रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, ‘केवले नियमित रूप से पुलिस स्टेशन जाकर चल रही जांच के बारे में जानकारी लेते थे. उन्होंने हाउसिंग सोसायटी के कुछ परिवारों पर भी संदेह जताया था. उनकी गतिविधि संदिग्ध लग रही थी और जैसे ही हमने और सबूत तलाशे, यह स्पष्ट हो गया कि केवले इस शरारत के लिए जिम्मेदार हैं.’

बाद में उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया.

इसके बाद जांच टीम ने उसके सामने सबूत रखे और कड़ी पूछताछ के दौरान केवले टूट गए और अपना गुनाह कबूल कर लिया. उन्होंने कथित तौर पर कहा कि हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारियों और कुछ निवासियों के बीच आंतरिक विवाद था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘केवले उन्हें मुसीबत में डालना चाहते थे, जिसके कारण उन्होंने हरे स्केच पेन से संदेश लिखकर और 23 जून की तड़के गुप्त रूप से एक प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने वाले स्टिकर चिपकाकर उन्हें फंसाने की कोशिश की.’

उनके अनुसार, केवले को इस बात का अंदाजा नहीं था कि मामला इतना तूल पकड़ लेगा. हालांकि, उनके कबूलनामे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की गई.