इस साल मार्च महीने में त्रिपुरा विधानसभा सत्र के दौरान बागबासा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक जादब लाल नाथ अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर पॉर्न देखते हुए पकड़े गए थे. विपक्ष के विधायकों ने शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया था.
नई दिल्ली: 13वीं त्रिपुरा विधानसभा के पहले बजट सत्र का पहला दिन शुक्रवार (7 जुलाई) को भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ, क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने भाजपा विधायक जाधव लाल नाथ के खिलाफ ‘कार्रवाई न करने’ पर विरोध प्रदर्शन किया, जिन्हें कथित तौर पर पिछले सत्र के दौरान सदन में अपने फोन पर पोर्न देखते देखा गया था.
बीते मार्च महीने में बागबासा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जादब लाल नाथ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह विधानसभा सत्र में लेखा अनुदान पर चल रही चर्चा के दौरान अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर पॉर्न देखते हुए पकड़े गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने सदन में ‘गंगाजल’ की एक बोतल लेकर प्रवेश किया और जहां भी गए, इसे छिड़ककर विधानसभा को अश्लीलता प्रकरण के कलंक से ‘शुद्ध’ किया.
विपक्ष के नेता तिप्रा मोथा (TIPRA Motha) के अनिमेष देबबर्मा तब यह पूछने के लिए उठे कि क्या विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) विश्वबंधु सेन उन्हें भाजपा विधायक के खिलाफ सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति देंगे, लेकिन सेन ने विपक्षी विधायकों से अपनी कुर्सियों पर लौटने और बजट को सदन के समक्ष रखने की अनुमति देने का आग्रह किया.
इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा और वित्त मंत्री प्राणजीत सिंघा रॉय ने 27,654.45 करोड़ रुपये के ‘कर-मुक्त, घाटे वाले बजट’ के लिए अपना बजट भाषण सदन में दिया.
हालांकि, विपक्षी सदस्य स्पीकर से भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए वेल में जमा हो गए. कुछ प्रदर्शनकारी सदस्य सचिव की कुर्सी के सामने विधानसभा रिकॉर्ड राइटर की मेज पर चढ़ गए, जिसके बाद उनमें से कुछ को वॉच-एंड-वार्ड कर्मचारियों द्वारा स्पीकर के करीब जाने से रोक दिया गया.
करीब एक घंटे तक हंगामा जारी रहने पर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने स्पीकर से सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए पांच विपक्षी विधायकों को निलंबित करने का आग्रह किया.
इसके बाद पांच विधायकों- कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन, सीपीएम के नयन सरकार और तिप्रा मोथा के बृशकेतु देबबर्मा, नंदिता रियांग और रंजीत देबबर्मा को दिन भर के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया.
जैसे ही स्पीकर ने फैसले पर पुनर्विचार करने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, सभी विपक्षी सदस्य विरोध में सदन से बाहर चले गए.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि सदन में हंगामे के तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने विपक्षी विधायकों का निलंबन वापस ले लिया और कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन को असंसदीय शब्दों के साथ कथित टिप्पणी करने के लिए चार दिनों के पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया.
कांग्रेस विधायक बर्मन ने कथित तौर पर कहा था कि स्पीकर सुबह से अपने ‘कुत्ते’ को नियंत्रित नहीं कर सके. कई सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी उनके संदर्भ में की गई थी.
इसके बाद स्पीकर ने बर्मन से अपनी टिप्पणी वापस लेने और माफी मांगने की मांग की. विवाद जारी रहने पर स्पीकर ने बर्मन को असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने पर बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
तिप्रा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने बाद में ट्वीट कर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यों पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की.
उन्होंने लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि त्रिपुरा विधानसभा के माननीय अध्यक्ष ने कोई संज्ञान नहीं लिया. विधानसभा में अश्लील सामग्री देखते हुए पकड़े गए विधायक जादब लाल नाथ पर कार्रवाई करना तो दूर की बात है, उन्होंने 5 विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया. ये सभी विधायक पर उचित कार्रवाई की मांग कर रहे थे.’
It is unfortunate that the Hon’ble Speaker of the Tripura Legislative Assembly didn’t take any cognisance, let alone take action on the MLA Jadab Lal Nath, who was caught watching obscene content (porn) in the assembly (during the last session), but instead suspended 5 opposition… pic.twitter.com/Ffytlb2g0Z
— Pradyot_Tripura (@PradyotManikya) July 7, 2023
प्रद्योत ने यह भी ट्वीट किया कि अगर सरकार और स्पीकर सदन की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें ‘लोकतंत्र के मंदिर के अंदर अपने घृणित कृत्य से पूरे राज्य को शर्मसार करने वाले विधायक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए’.
रिपोर्ट के अनुसार, बीते मार्च महीने में सोशल मीडिया पर 54 सेकंड की एक वीडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें उत्तरी त्रिपुरा के बागबासा के भाजपा विधायक जादब लाल नाथ कथित तौर पर अपने फोन पर अश्लील सामग्री देख रहे थे, जबकि स्पीकर विश्वबंधु सेन को पूरक अनुदान की मांगों पर कटौती प्रस्ताव सहित अन्य मुद्दों पर बोलते हुए सुना गया था.
हालांकि, भाजपा विधायक ने कहा था कि उन्हें बार-बार फोन आ रहे थे और कॉल उठाते ही ‘अश्लील वीडियो’ अपने आप चलने लगे. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने तुरंत ही वीडियो बंद कर दिए थे. उन्हें पता था कि विधानसभा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है.