मणिपुर: भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाई गईं महिलाओं ने कहा- पुलिस मौजूद थी, लेकिन मदद नहीं की

मणिपुर हिंसा से संबंधित ख़ौफ़नाक वीडियो में निर्वस्त्र घुमाई गईं महिलाओं में से एक ने कहा कि उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को कार में बैठे देखा था, जो हिंसा होते हुए देख रहे थे. उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया. कुकी समुदाय की इस महिला के पिता और भाई को भीड़ ने मार डाला था. ये घटना 3 मई को भड़की जातीय हिंसा के अगले दिन 4 मई की है.

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(फाइल फोटो: द वायर)

मणिपुर हिंसा से संबंधित ख़ौफ़नाक वीडियो में निर्वस्त्र घुमाई गईं महिलाओं में से एक ने कहा कि उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को कार में बैठे देखा था, जो हिंसा होते हुए देख रहे थे. उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया. कुकी समुदाय की इस महिला के पिता और भाई को भीड़ ने मार डाला था. ये घटना 3 मई को भड़की जातीय हिंसा के अगले दिन 4 मई की है.

(फाइल फोटो: द वायर)

नई दिल्ली/इंफाल: मणिपुर में भीड़ द्वारा कुकी आदिवासी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना सामने आने के बाद इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. दोनों कुकी महिलाओं ने द वायर को बताया है कि मणिपुर पुलिस अपराध स्थल पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने उनकी मदद नहीं की.

यह घटना राज्य में तीन मई को बहुसंख्यक मेईतेई और कुकी आदिवासी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के अगले दिन 4 मई को कांगपोकपी जिले के ‘बी फैनोम’ गांव में हुई थी. 

वीडियो में से एक महिला ने कहा, ‘मणिपुर पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की.’

दूसरी महिला ने कहा कि उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को कार में बैठे देखा था, जो हिंसा होते हुए देख रहे थे. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया.’ इन महिला के पिता और भाई भीड़ के इस हमले में मारे गए थे.

द वायर द्वारा सैकुल पुलिस थाने से भी फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. अगर पुलिस इन दावों पर प्रतिक्रिया देती है तो यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.

पहली महिला ने कहा कि ‘बी फैनोम’ गांव के निवासियों को उनके मेईतेई पड़ोसियों से जानकारी मिली कि मेईतेई लोगों की भीड़ गांव में आ रही है. कुकी ग्रामीणों को पता था कि उन्हें गांव से भागना होगा, लेकिन वीडियो में देखी गईं दो महिलाओं के परिवार भाग नहीं पाए थे और भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया.

पुलिस में दर्ज शिकायत की प्रति द वायर ने देखी है, जिसमें दावा किया गया है कि मेईतेई लोगों की भीड़ के पास अत्याधुनिक हथियार थे.

पहली महिला ने कहा, ‘मैं दूसरी महिला के बारे में सोच रही थी… लेकिन हमलावर कुछ भी नहीं सोच रहे थे. वे हमें एक झाड़ीदार इलाके में ले गए. तीन लोगों ने मुझे पकड़ लिया और एक ने आवाज दी कि, ‘जो लोग इन्हें टॉर्चर करना चाहते हैं, आ जाएं.’

पहली महिला ने बताया कि मेईतेई समुदाय के सदस्यों में भी ऐसे लोग थे, जिन्होंने उनकी मदद की. उन्होंने कहा, ‘उनमें से कुछ ने हमें अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, लेकिन ऐसे लोग भी थे, जो हमें बचाना चाहते थे.’

21 जून 2023 को दर्ज की गई एफआईआर में 4 मई, 2023 की घटना में तीन सर्वाइवर महिलाओं की बात की गई है, जिन्हें निर्वस्त्र करके घुमाया गया था। एफआईआर में एक सर्वाइवर के साथ सामूहिक बलात्कार की बात दर्ज है।

एक अन्य सर्वाइवर ने द वायर  से कहा कि कोई बलात्कार नहीं हुआ. उनका कहना था, ‘उन्होंने हमारे साथ रेप नहीं किया- उन्होंने हमें बस कपड़े उतारने को कहा और हमारे शरीरों को छुआ.’ गौर करने लायक पहलू यह है कि शिकायत और एफआईआर दोनों में एक सर्वाइवर के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने की बात कही गई है.

उल्लेखनीय है कि बलात्कार की क़ानूनी परिभाषा ‘पीनल-वैजाइनल पेनेट्रेशन’ तक ही सीमित न होकर कहीं ज्यादा विस्तृत है. सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर बताती हैं कि यदि महिला की सहमति या मर्जी के खिलाफ इनमें से कोई भी कृत्य किया जाता है, तो वह बलात्कार की श्रेणी में आता है-

– योनि, मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में लिंग का प्रवेश
– योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में (लिंग के अलावा) किसी वस्तु या अंग का प्रवेश
– योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में प्रवेश कराने के उद्देश्य से महिला के किसी भी अंग के साथ छेड़छाड़
– महिला की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा को मुंह से स्पर्श करना

मणिपुर में 3 मई से इंटरनेट बंद है, जो इस वीडियो के घटना के इतने समय बाद सामने आने का कारण है.

बीते 19 जुलाई को मणिपुर पुलिस ने इस मामले पर ट्वीट किया, जिसके बाद कई लोगों ने बताया कि ‘इस खौफनाक घटना को 77 दिन हो गए हैं.’

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया, ‘4 मई, 2023 को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो के संबंध में अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ नोंगपोक सेकमई थाने (थौबल जिला) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या आदि का मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है. राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.’

20 जुलाई को एक ट्वीट में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दावा किया पुलिस ने घटना के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

पत्रकार वसुधा वेणुगोपाल ने सरकारी सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर ट्वीट किया है कि केंद्र सरकार ‘ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकती है, क्योंकि ऐसे वीडियो दिखाने से कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है.’

उनके ट्वीट में कहा गया, ‘आईटी मंत्रालय अब सभी प्लेटफॉर्म पर नजर बना हुए है कि वीडियो फैलाया न जा रहा हो.’

इस बीच, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) की सदस्य ग्रेसी ने दोनों महिलाओं से मुलाकात की.

उन्होंने कहा, ‘मेरा दिल भरा हुआ है. मैंने उनकी कहानियां सुनी हैं, मैं उनसे मिली, उनसे बात की, लेकिन अब वीडियो देखकर मैं फिर व्यथित हो उठी हूं. महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार की इतनी सारी कहानियां सामने आ रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक भी शब्द नहीं?’

पिछले दो महीनों से कुकी समुदाय के लोग दावा कर रहे हैं कि मणिपुर पुलिस ने मेईतेई समुदाय का पक्ष लिया है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

(नोट: इस रिपोर्ट को प्रकाशित होने के बाद अपडेट किया गया है.)