मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के दस कुकी-ज़ो विधायकों, जिनमें सात भाजपा से हैं, द्वारा जारी बयान में चार अन्य घटनाओं का ब्योरा दिया गया है, जहां 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से समुदाय की महिलाओं के साथ या तो बलात्कार किया गया या उनकी हत्या कर दी गई.
नई दिल्ली: मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उत्पीड़न की खौफनाक घटना का वीडियो सामने आने के कुछ समय बाद ही मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक ट्वीट में जानकारी दी थी कि एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
इस बीच, पुलिस द्वारा इस मामले में बरती गई लापरवाही और लगभग ढाई महीने तक कोई कार्रवाई न करने को लेकर तीखी आलोचना हुई है.
20 जुलाई को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट में लिखा था, ‘उन दो महिलाओं के प्रति मेरी संवेदनाएं, जिनके साथ बेहद अपमानजनक और अमानवीय कृत्य किया गया. घटना से संबंधित वीडियो सामने आने के तुरंत बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई.’
हालांकि, जब मई महीने के दूसरे हफ्ते में घटना की एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी, तो मुख्यमंत्री के दावे के अनुसार, पुलिस वीडियो सामने आने के बाद ‘स्वतः संज्ञान’ कैसे ले रही है, यह अस्पष्ट है.
गौरतलब है कि दोनों सर्वाइवर महिलाओं ने द वायर से बातचीत में कहा है कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी, लेकिन उसने महिलाओं की मदद नहीं की.
गुरुवार को ही इंडिया टुडे टीवी चैनल से बात करते बीरेन सिंह ने कहा, ‘आपको आरोपों को नहीं सुनना चाहिए, ज़मीनी हकीकत को देखिए. ऐसी सैकड़ों घटनाएं हुई हैं, इसीलिए इंटरनेट बंद है.
उनसे एंकर ने पूछा कि सीएम को इस घटना के बारे में पता क्यों नहीं था. इस पर उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में कार्रवाई करेगी.
द हिंदू के अनुसार, सिंह ने उनसे कहा कि उन्हें इस वारदात के बारे में बुधवार को घटा से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद ही मालूम चला. उन्होंने अख़बार से बात करते हुए यह भी जोड़ा कि सरकार आरोपियों के लिए मौत की सज़ा की मांग करेगी.
अख़बार के अनुसार, पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है.
सिंह ने कहा, ”घटना चार मई को हुई थी और मुझे इस बारे में वीडियो वायरल होने के बाद पता चला. हम जो मुमकिन होगा, वो करेंगे, किसी को बख्शा नहीं जाएगा.’
सिंह ने जोड़ा कि तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद से हज़ारों एफआईआर दर्ज की गई हैं और पुलिस उन पर एक-एक करके कार्रवाई कर रही है. चार जुलाई तक राज्य में लगभग 5,995 एफआईआर दर्ज की गई थीं.
कुकी विधायकों के कहा- महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कई घटनाएं हुईं
भाजपा के सात विधायकों सहित दस कुकी-ज़ो विधायकों ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अब तक की हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के 114 लोग मारे गए हैं.
उनके बयान में कम से कम चार अन्य घटनाओं का ब्योरा दिया गया है, जहां 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से समुदाय की महिलाओं के साथ या तो बलात्कार किया गया या उनकी हत्या कर दी गई.
द हिंदू के अनुसार, बयान में कहा गया है कि एच. खोपीबुंग की दो कुकी-ज़ो महिलाओं के साथ इंफाल कोनुंग ममांग में बलात्कार किया गया. इंफाल के उरीपोक में एक महिला और उनकी दो बेटियों की उनके घर में हत्या कर दी गई. चेकॉन से अपहृत की गई एक महिला के साथ लैंगोल और नगारियन हिल में दो बार बलात्कार किया गया. पोरोम्पैट में दो नर्सिंग छात्र भीड़ के हमले के बाद बमुश्किल बचे. इंफाल में मानसिक तौर पर बीमार एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
विधायकों ने मांग की है कि इन मामलों को सीबीआई को दिया जाए.
राज्यपाल ने डीजीपी से पूछा- कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, महिलाओं को प्रताड़ित करने की घटना के वीडियो की निंदा करते हुए राज्यपाल अनुसुइया उईके ने डीजीपी से मुलाकात की और सवाल किया कि महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मेरे राज्य में इस तरह की घटना घटी. मैं जानना चाहती हूं कि महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मैंने आज डीजीपी को फोन किया. भविष्य में कभी भी, किसी व्यक्ति को महिलाओं के विरुद्ध इस प्रकार के अपराध करने का साहस नहीं होना चाहिए.
द हिंदू के मुताबिक, राज्यपाल ने डीजीपी से जरूरत पड़ने पर सर्वाइवर महिलाओं को सुरक्षा देने को भी कहा है.