मणिपुर के वायरल वीडियो के बाद पनपी दहशत से मेईतेई समुदाय के लोग छोड़ने लगे मिज़ोरम

मिज़ोरम के मिज़ो लोग मणिपुर के कुकी-ज़ोमी समुदाय के साथ गहरा जातीय जुड़ाव रखते हैं. मणिपुर में कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद मिज़ोरम में पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन द्वारा जारी बयान के बाद राज्य में रह रहे मेईतेई समुदाय के लोगों में दहशत देखी गई और वे मिज़ोरम से भागने लगे.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

मिज़ोरम के मिज़ो लोग मणिपुर के कुकी-ज़ोमी समुदाय के साथ गहरा जातीय जुड़ाव रखते हैं. मणिपुर में कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद मिज़ोरम में पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन द्वारा जारी बयान के बाद राज्य में रह रहे मेईतेई समुदाय के लोगों में दहशत देखी गई और वे मिज़ोरम से भागने लगे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न करने के वीडियो के बाद पैदा हुए आक्रोश ने मिजोरम में रहने वाले मेईतेई लोगों के छोटे से समुदाय में दहशत पैदा कर दी है, जिनमें से कई लोग शनिवार (22 जुलाई) को राज्य छोड़कर चले गए.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मणिपुर सरकार ने कहा कि वह चार्टर्ड विमान के जरिये उन्हें राज्य से निकालने की इच्छा रखती है.

मिजोरम के मिजो लोग मणिपुर के कुकी-जोमी समुदाय के साथ गहरा जातीय जुड़ाव रखते हैं और पड़ोसी राज्य के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. दरअसल, 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से मणिपुर के 12,584 कुकी-ज़ोमी लोगों ने मिजोरम में शरण ली है.

दहशत के वर्तमान माहौल की शुरुआत तब हुई जब पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) [मिजो नेशनल फ्रंट के भूमिगत पूर्व उग्रवादियों का एक संघ] एक बयान जारी कर मिजोरम में रहने वाले मेईतेई लोगों को ‘अपनी सुरक्षा के लिए’ राज्य छोड़ने के लिए कहा.

मिजोरम की राजधानी आइजोल में लगभग 2,000 मेईतेई लोग रहते हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारी, छात्र और श्रमिक शामिल हैं. उनमें से कई असम की बराक घाटी से हैं.

शुक्रवार (21 जुलाई) रात को बयान सामने आने के बाद मिजोरम के डीआइजी उत्तरी रेंज द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें निर्देश दिया गया कि ‘आइजोल में मेईतेई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए’ चार स्थानों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं.

शनिवार (22 जुलाई) दोपहर तक कुछ मेईतेई राज्य छोड़ चुके थे. आइजोल में एक निजी कंपनी में काम करने वाले एक मेईतेई ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह अपने चार लोगों के परिवार के साथ अपने निजी वाहन से असम के कछार जिले स्थित अपने घर जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें मिजोरम में खतरा महसूस नहीं हुआ है और इसलिए कि मिजो लोग ‘बहुत सौम्य, बहुत विनम्र’ होते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अब बहुत से मेईतेई लोग अपना सामान अपने किराये के घरों में छोड़कर भाग रहे हैं. बराक घाटी से बहुत से लोग सड़क मार्ग से जा रहे हैं और ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो आइजोल हवाई अड्डे पर आश्रय तलाश रहे हैं. लोग डरे हुए हैं.’

इस बीच, मिजोरम गृह विभाग ने राज्य में रहने वाले मेइतेई लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि वे खतरे में नहीं हैं.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मिजोरम के गृह आयुक्त एच लालेंगमाविया ने कहा, ‘मैंने आज पीएएमआरए से बात की और उन्होंने कहा कि उनके संदेश की गलत व्याख्या की गई है. उन्होंने कहा कि यह कोई धमकी नहीं, बल्कि मेईतेई लोगों की सुरक्षा के लिए चिंता की अभिव्यक्ति है, जो सद्भावना से जारी की गई है. इसके प्रभाव को देखते हुए हमने समाधान निकाला कि वे अपना बयान वापस ले लेंगे.’

गृह विभाग ने शाम को एक बयान भी जारी किया, जिसमें कहा गया कि गृह आयुक्त ने ऑल मिजोरम मणिपुरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.

मणिपुर सरकार के प्रवक्ता सपम रंजन सिंह ने कहा कि सरकार ऑल मिजोरम मणिपुर एसोसिएशन के संपर्क में है. उन्होंने कहा, ‘बयान के बाद तनाव था और हमें सूचित किया गया है कि कुछ लोग राज्य छोड़कर जाने लगे हैं. हालांकि, मिजोरम गृह विभाग ने आज एक बयान जारी किया है, जिससे तनाव कम हो सकता है. हम एसोसिएशन के संपर्क में हैं और आश्वासन दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम लोगों को जाने के लिए चार्टर्ड विमान उपलब्ध कराएंगे.’