सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि उनकी सरकार अपने कर्मचारियों को 12 महीने का मातृत्व अवकाश और एक महीने का पितृत्व अवकाश देगी. इससे सरकारी कर्मचारियों को उनके बच्चों और परिवारों की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार अपने कर्मचारियों को 12 महीने का मातृत्व अवकाश और एक महीने का पितृत्व अवकाश देगी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां सिक्किम राज्य सिविल सेवा अधिकारी संघ (एसएससीएसओए) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लाभ प्रदान करने के लिए सेवा नियमों में बदलाव किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस लाभ से सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों और परिवारों की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसका विवरण जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा.
मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अनुसार, एक कामकाजी महिला 6 महीने या 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश की हकदार है.
तमांग ने कहा कि अधिकारी राज्य प्रशासन की रीढ़ हैं, जो सिक्किम और उसके लोगों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
उन्होंने कहा कि सिविल सेवा अधिकारियों के लिए पदोन्नति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया गया है, जिससे पदोन्नति की संख्या में वृद्धि हुई है.
उन्होंने सभी नए आईएएस और एससीएस (सिक्किम सिविल सेवा) अधिकारियों को बधाई दी और उनके सफल करिअर के लिए शुभकामनाएं दीं.
हिमालयी राज्य की जनसंख्या भारत में सबसे कम लगभग 6.32 लाख है.
नॉर्थईस्ट टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले राज्य सरकार ने मूल निवासी समुदायों की जनसंख्या वृद्धि को समर्थन करने के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू की थी. यह योजना दो या तीन बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम और अतिरिक्त वेतन वृद्धि प्रदान करती है, जिससे राज्य के मूल समुदायों के बीच जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा मिल सके.
बीते मई महीने में जारी आधिकारिक अधिसूचना में स्पष्ट किया गया था कि सिक्किम विषय प्रमाण पत्र या पहचान प्रमाण पत्र वाले कर्मचारी एक उन्नत वेतन वृद्धि के लिए पात्र होंगे यदि उनके दो जीवित बच्चे हैं. जिन कर्मचारियों के तीन जीवित बच्चे हैं, उन्हें एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी. विशेष रूप से पति-पत्नी में से कोई भी आपसी समझ के आधार पर अग्रिम वेतन वृद्धि का दावा कर सकता है.