सरकार ने ‘सुरक्षा जोखिमों’ का हवाला देते हुए लैपटॉप, कंप्यूटर पर आयात प्रतिबंध लगाया

विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में सुरक्षा कारणों और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की ज़रूरत का हवाला देते हुए कहा गया है कि लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह बैन बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में सुरक्षा कारणों और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की ज़रूरत का हवाला देते हुए कहा गया है कि लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह बैन बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

नई दिल्ली: भारत सरकार ने गुरुवार (3 अगस्त) को सुरक्षा कारणों और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत का हवाला देते हुए लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस  के अनुसार, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एचएसएन कोड 8471 की सात श्रेणियों के तहत आने वाले कंप्यूटर और अन्य वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन यह प्रतिबंध बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस कदम से चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों की आवक में कमी आएगी. इन वस्तुओं के आयातकों को अब अपने आने वाले शिपमेंट के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस लेना होगा.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि इन प्रतिबंधों को लगाने के कई कारण हैं लेकिन प्राथमिक ‘यह सुनिश्चित करना है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा पूरी तरह से सुरक्षित .रहें.’

उन्होंने कहा, ‘कुछ हार्डवेयर में संभावित रूप से सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा से समझौता हो सकता है, हमने उनमें से कुछ सामानों को ध्यान में रखा है.’

कोई भी आयातक 4 अगस्त से लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त करने के लिए व्यापारी को नियमित आयातक होना चाहिए.

अधिकारी ने पीटीआई से यह भी कहा कि मसला आयात पर प्रतिबंध लगाने का नहीं बल्कि इन वस्तुओं के आने वाले शिपमेंट को विनियमित करने का है.

एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह कदम कंपनियों को भारत में स्थानीय स्तर पर निर्माण के लिए प्रेरित करने के लिए उठाया गया है.

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