मणिपुर में मेईतेई महिलाओं के संगठन मीरा पाइबीस ने असम राइफल्स के जवानों पर बिष्णुपुर ज़िले में मेईतेई लोगों के एक प्रदर्शन के दौरान क्रूरता बरतने का आरोप लगाया है और सरकार से मांग की है कि वह असम राइफल्स को घाटी से हटाए.
नई दिल्ली: मणिपुर में मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पाइबीस’ ने राज्य से असम राइफल्स के जवानों को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन किया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन मीरा पाइबीस के एक समूह द्वारा आयोजित किया गया था, जिन्होंने 3 अगस्त को विशेष रूप से बिष्णुपुर जिले के तोरबुंग में मेईतेई समुदाय के लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान असम राइफल्स के जवानों पर क्रूरता का आरोप लगाया.
रविवार को मीरा पाइबीस की एक संयुक्त बैठक के दौरान रविवार आधी रात से सोमवार आधी रात तक ‘सार्वजनिक कर्फ्यू’ लगाने का निर्णय लिया गया.
सार्वजनिक कर्फ्यू के आह्वान पर प्रतिक्रिया करते हुए बड़ी संख्या में मीरा पाइबीस ने इंफाल की सड़कों पर उतरकर असम राइफल्स के काफिलों की गतिविधियों को अवरुद्ध कर दिया और धरना प्रदर्शन किया. हालांकि, आम जनता, राज्य पुलिस और निजी एवं सार्वजनिक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित अन्य लोगों की आवाजाही के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी.
मणिपुर के अतिरिक्त डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ने सोमवार को एक आदेश जारी कर निर्देश दिया कि बिष्णुपुर से कांगवई रोड पर मोइरांग लमखाई- एक ऐसा क्षेत्र जहां तनाव अधिक है- में सिविल पुलिस और सीआरपीएफ की तैनाती की जाएगी.
हालांकि, असम राइफल्स ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें संवेदनशील इलाकों से हटाया जा रहा है.
इस बीच, मणिपुर के मुद्दे पर देश की संसद में मंगलवार को केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी है. विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री मुद्दे इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ें.