पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, घटना चूड़ाचांदपुर ज़िले में 3 मई को घटित हुई थी. पीड़िता ने 9 अगस्त को बिष्णुपुर थाने में जीरो एफआईआर में दर्ज कराई है, जिसे चूड़ाचांदपुर स्थानांतरित कर दिया गया है.
नई दिल्ली: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में एक 37 वर्षीय महिला बुधवार (9 अगस्त) को पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचीं कि 3 मई को चूड़ाचांदपुर जिले में उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था.
द हिंदू के मुताबिक, शिकायत के बाद बिष्णुपुर पुलिस थाने में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई और उसी दिन चूड़ाचांदपुर पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दी गई.
शिकायत में पुलिस ने ‘अज्ञात कुकी बदमाशों’ के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, हमला या सामान्य इरादे से महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
उल्लेखनीय है कि मणिपुर सरकार द्वारा इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत एक नोट में बताया गया है कि हिंसा के दौरान 31 जुलाई तक दर्ज कुल 6,523 एफआईआर में एक मामला बलात्कार और हत्या (पीड़िता के साथ कथित तौर पर बलात्कार कर हत्या कर दी गई थी), तीन मामले बलात्कार/सामूहिक बलात्कार, छह मामले महिला की गरिमा को चोट पहुंचाने के इरादे से किया गया हमला और 72 मामले हत्या के दर्ज किए गए हैं.
बता दें कि 3 मई से आदिवासी कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं.
ज्ञात हो कि कुकी जनजाति की दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न करके घुमाए जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया था कि उनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था. उक्त घटना 4 मई की थी. उसके बाद मणिपुर से ऐसे कई और भी मामले सामने आए हैं जहां महिलाएं यौन उत्पीड़न के महीनों बाद शिकायत दर्ज कराने सामने आई हैं.
बीते 4 मई को ही इंफाल में कार धोने का काम करने वाली कांगपोकपी की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और बुरी तरह से मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई. बीते 6 मई को एक महिला को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया था.
इसी तरह, इंफाल पूर्व ज़िले में 15 मई को मेईतेई महिलाओं के संगठन ‘मीरा पाइबीस’ ने एक 18 वर्षीय युवती के साथ मारपीट के बाद उसे चार हथियारबंद पुरुषों को सौंप दिया था, जिन्होंने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया.