ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग की याचिका पर वाराणसी की अदालत ने एएसआई के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे सर्वे के बारे में मीडिया से बात न करें.
नई दिल्ली: वाराणसी की एक अदालत ने गुरुवार (10 अगस्त) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे सर्वेक्षण के बारे में मीडिया से बात न करें.
बार और बेंच के अनुसार, अदालत के आदेश में मीडिया और इसमें शामिल पक्षों दोनों को सर्वे के बारे में गलत और अनौपचारिक जानकारी के प्रकाशन और प्रसार के प्रति आगाह किया गया है.
कोर्ट ने कहा, ‘एएसआई वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष द्वारा जानकारी दिए बगैर, अगर सर्वे के बारे में कोई भी खबर बिना आधिकारिक जानकारी के प्रिंट, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा गलत तरीके से प्रकाशित की जाती है, तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’
न्यायाधीश एके विश्वेशा ने यह आदेश मस्जिद का प्रबंधन संभालने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर एक आवेदन के संबंध में दिया. समिति ने अपनी याचिका में कहा था कि सर्वे टीम की ओर से अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अख़बारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक ख़बरें चल रही हैं. इसलिए उसने सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है.
समिति का कहना था, ‘वे मस्जिद के अंदर के उन क्षेत्रों से संबंधित जानकारी प्रकाशित-प्रसारित कर रहे हैं जिनका आज तक सर्वे नहीं किया गया है, जिसके कारण जनता पर गलत प्रभाव पड़ रहा है.’
मालूम हो कि वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था. जुलाई में वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. इसे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था.
मस्जिद का सर्वे अदालती आदेश के बाद 4 अगस्त को शुरू हुआ था.
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह समेत पांच हिंदू महिलाओं ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पास स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा की मांग की थी. इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित सभी मंदिरों और देवी-देवताओं के विग्रहों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए अदालत से सर्वे कराने का अनुरोध किया था.
बीते जून महीने में जितेंद्र सिंह विसेन ने घोषणा की थी कि वे और उनका परिवार वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से संबंधित सभी मामलों को वापस ले रहे हैं. उन्होंने इसके लिए ‘संसाधनों की कमी’ और विभिन्न तबकों द्वारा कथित ‘उत्पीड़न’ का हवाला दिया था.