द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की कई उपलब्धियां गिनाईं, हालांकि उनके दावे और सच में काफी अंतर है. मसलन, उन्होंने 200 करोड़ कोविड टीकाकरण को संभव बनाने के लिए आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की सराहना की (सच्चाई: कम भुगतान और असुरक्षा का मसला उठाते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल की धमकी दी थी.) उन्होंने कहा कि राज्यों को मिलने वाले केंद्रीय फंड में तीन गुना बढ़ोतरी हुई (सच्चाई: राज्य सरकारें मोदी पर संघवाद को कमजोर करने का आरोप लगाती रही हैं.) प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना ने ‘हमारे देश के युवाओं को स्व-रोजगार, बिजनेस के अवसर प्रदान किए हैं’ (सच्चाई: युवा बेरोजगारी एक निरंतर समस्या है और नौकरी चाहने वाले निराश होकर नौकरी की आस ही छोड़ रहे हैं. अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में भी उनकी अधिकांश प्रतिक्रिया युवाओं के बारे में थी.) अंत में, उन्होंने परिवारवाद की राजनीति और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के बारे में वही कटाक्ष किए गए, जो वो करते आए हैं. ये इस बात का इशारा भी था कि चुनाव आने वाले हैं . उन्होंने 1000 साल के ‘स्वर्णिम भविष्य का सपना भी दिखाया. आखिरी बार इस तरह की दीर्घकालिक दृष्टि, उस नेता के लिए अच्छी साबित नहीं हुई थी, जिसने इसके बारे में बात की थी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि अगले शैक्षणिक वर्ष से राज्य में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ख़त्म कर दी जाएगी. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि एनईपी का छात्रों, अभिभावकों और व्याख्याताओं और शिक्षकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा विरोध किया गया है. भाजपा ने एनईपी को देश में लागू किए बिना राज्य में पहली बार लागू करके देश के छात्रों के हितों की उपेक्षा की है. अगस्त 2021 में कर्नाटक उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाने वाला पहला राज्य था. मई में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे ख़त्म करने का वादा किया था.
छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोपियों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. दैनिक भास्कर के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस भाषण में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है इसलिए महिलाओं या लड़कियों से बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा. इससे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी समान घोषणा कर चुकी है. दोनों ही राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित ख़बर के लिए न्यूज़ चैनलों पर लगा जुर्माना उनके मुनाफ़े के अनुपात में होना चाहिए. लाइव लॉ के अनुसार, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) की एक याचिका सुनते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि विवादित समाचार प्रसारित करने के लिए टीवी चैनलों पर लगाया गया जुर्माना 2008 में तय किए गए एक लाख रुपये के जुर्माने के बजाय उनके द्वारा अर्जित किए जा रहे मुनाफे के अनुपात में होना चाहिए. केवल ऐसे जुर्माने ही टीवी चैनलों से जिम्मेदारी के साथ काम करवा सकते हैं. सीजेआई ने यह भी जोड़ा कि समाचार चैनलों के लिए एनबीडीए का स्व-नियामक तंत्र अप्रभावी है और वे टीवी चैनलों के विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे.
मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने कहा कि मणिपुर में सौ दिनों से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा से मिज़ो लोग बहुत दुखी हैं. द हिंदू के अनुसार, अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में सीएम ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में राजनीतिक और जातीय उथल-पुथल की शुरुआत से ही उस पर कड़ी नजर रखी है और इंफाल में फंसे मिज़ो लोगों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. मिज़ो लोग जातीय रूप से कुकी-ज़ोमी लोगों से संबंधित हैं जो मणिपुर में जातीय हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, मिजोरम के राहत शिविरों में मणिपुर से विस्थापित हुए 12,509 लोग रह रहे हैं.
देश में डॉक्टरों के सबसे बड़े पेशेवर संघ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के नए नियम की आलोचना की है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एनएमसी की संबंधित गाइडलाइन पर सवाल उठाते हुए एसोसिएशन ने कहा है कि अगर डॉक्टरों को ब्रांडेड दवाएं लिखने की अनुमति नहीं है, तो ऐसी दवाओं को लाइसेंस क्यों दिया जाना चाहिए, जबकि आधुनिक दवाएं केवल डॉक्टरों की सलाह पर ही दी जा सकती हैं. इसने यह भी कहा कि यह निर्देश निर्णय लेने की शक्ति डॉक्टर की बजाय केमिस्ट की दुकान का चलाने वाले किसी भी व्यक्ति दे देता है, जो दवाई की बिक्री के समय वहां मौजूद होगा.