बीते 17 अगस्त को असम के दरांग और तामुलपुर ज़िलों में चोरी के संदेह में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मृतकों की पहचान 45 वर्षीय मजीबुल हक़ और 27 वर्षीय बिनोद ब्रह्मा के रूप में हुई. इससे पहले बीते 12 अगस्त और 24 जुलाई को होजई और मोरीगांव ज़िलों में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं.
नई दिल्ली: असम में दो अलग-अलग घटनाओं में गुरुवार (17 अगस्त) तड़के दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
एक घटना में दरांग जिले के पद्मझार गांव में 45 वर्षीय मजीबुल हक की हत्या कर दी गई. उन पर कथित तौर पर बकरियां चुराने की कोशिश करने का संदेह था. दूसरी घटना में 27 वर्षीय बिनोद ब्रह्मा की तामुलपुर जिले के उनके गांव तिनिपुखुरी में हत्या कर दी गई. उन पर भी गांव में एक घर से चोरी करने की कोशिश करने का संदेह था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार दोपहर को दरांग पुलिस ने कहा कि उन्होंने मजीबुल हक की मौत के सिलसिले में पद्मझार और एक पड़ोसी गांव से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तामुलुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने तीन लोगों को पकड़ा है और मुख्य आरोपी की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘घटना गुरुवार तड़के करीब 3:15 बजे हुई. स्थानीय इनपुट के मुताबिक, जब हक पकड़े गए तो वह किसी की संपत्ति से बकरियों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने भागने की कोशिश की लेकिन शोर मच गया और लोग वहां जमा हो गए.’
उनके अनुसार, इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गई जिसके बाद हक ने दम तोड़ दिया.
ब्रह्मा की मौत पर तामुलपुर के एसपी पंकज यादव ने कहा, ‘वह कथित तौर पर चोरी के इरादे से एक घर में घुसे थे. उस घर के परिजन और पड़ोसी एकत्र हो गए और उनके साथ मारपीट की, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. पूछताछ से हमें पता चला है कि उनकी पत्नी कहीं और काम करती हैं और उन्हें इधर-उधर घूमने और सामान उठाने की आदत है.’
ये दोनों हत्याएं होजई जिले में हुई एक घटना के कुछ दिनों बाद हुई हैं, जहां बीते 12 अगस्त को मवेशी चोरी के कथित संदेह में हिफज़ुर रहमान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने गुरुवार को हत्या के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था.
होजई के पूर्व भाजपा विधायक शिलादित्य देव के बामुनगांव गांव का दौरा करने गए थे, जहां रहमान की हत्या हुई थी. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘हालांकि यह एक हिंदू गांव है, लेकिन चारों दिशाओं में वे मुस्लिम गांवों से घिरे हुए हैं और वे यहां अल्पसंख्यक के रूप में रह रहे हैं. वे यहां आतंक में जी रहे हैं और पिछले कई वर्षों से चोरी के मामले दर्ज कराते रहे हैं, लेकिन चूंकि वे यहां अल्पसंख्यक हैं, इसलिए पुलिस भी उनकी उपेक्षा करती है.’
रिपोर्ट के अनुसार, इन तीन घटनाओं के अलावा बीते 24 जुलाई को मोरीगांव जिले में सद्दाम हुसैन नामक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. भीड़ ने कथित तौर पर पशु तस्कर होने के संदेह में उनकी और दो अन्य लोगों की पिटाई की थी. इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लिंचिंग की इन घटनाओं के बीच असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि अब तक सामने आए ऐसे सभी मामलों में ‘कानूनी कार्रवाई की गई है’.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैंने एसपी को जाति, पंथ, धर्म के इतर ऐसे प्रत्येक मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मेरे लिए, कानून का कोई भी उल्लंघन चिंता का विषय है. मैंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी निर्देश दिए हैं, ताकि जनता को विश्वास हो कि पुलिस ऐसी गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं करती है और ऐसे सभी मामलों में वैध कार्रवाई करेगी.’