हरियाणा सरकार में मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह पर एक महिला जूनियर एथलेटिक कोच द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ था. इसी हफ्ते खेल विभाग द्वारा निलंबित की गईं कोच का कहना है कि उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जूनियर एथलीट कोच ने आरोप लगाया है कि उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. महिला को बीते दिनों हरियाणा खेल विभाग ने निलंबित कर दिया गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, एक प्रेस वार्ता में महिला ने कहा, ‘मुझ पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. मैं पीड़ित हूं लेकिन मुझे किसी आरोपी से भी बदतर बर्ताव किया जा रहा है. असली आरोपी सरकार में मंत्री बना बैठा है. पहले दिन से सरकार संदीप सिंह को बचाने की कोशिश कर रही है. पर मैंने आवाज़ उठाई है और मैं अपने हक़ के लिए लड़ूंगी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री सर ने संदीप के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में जानने के बावजूद उसे स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने दिया… मुख्यमंत्री मेरे अआरोपों को झूठा बताकर हरियाणा की बेटी का अपमान कर रहे हैं.’
महिला कोच के दिसंबर 2022 में आरोप लगाने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (हमला या आपराधिक बल), 342 (गलत तरीके से कैद करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
शिकायत में कहा गया था कि सितंबर 2022 में हरियाणा खेल विभाग में जूनियर एथलेटिक्स कोच के रूप में नियुक्ति से पहले वह इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के माध्यम से आरोपी के संपर्क में आई थीं.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा है कि आरोपी ने उन्हें नौकरी से संबंधित दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए 2 मार्च, 2022 और 1 जुलाई, 2022 को चंडीगढ़ में अपने आधिकारिक आवास पर मिलने के लिए कहा और वहां उनका यौन उत्पीड़न किया. उनके अन्य आरोपों में कहा गया था कि आरोपी ताऊ देवीलाल, पंचकुला में उनके प्रशिक्षण में समस्याएं पैदा कर रहा था और विदेश में प्रशिक्षण के उनके अनुरोध को रोक रहा था.
एफआईआर दर्ज होने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने एक महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया था.
मामला दर्ज होने के हफ्तेभर बाद सिंह से खेल एवं युवा मामलों के विभाग का प्रभार वापस ले लिया गया. हालांकि, उनके पास मुद्रण और स्टेशनरी विभाग का प्रभार बरकरार रखा गया.
अब महिला का कहना है कि उन्हें सोमवार (14 अगस्त) को राज्य के खेल विभाग ने उनका निलंबन आदेश उनके घर भिजवाया था और अब वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगी.
अख़बार के अनुसार, बीते 10 अगस्त को वे मुख्यमंत्री खट्टर से मिलने हरियाणा भवन पहुंची थीं, लेकिन मिल नहीं सकीं. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने वहां मुख्यमंत्री के लिए ‘अभद्र’ भाषा का प्रयोग किया. इस बाबत पूछने पर महिला ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई ख़राब बात नहीं कही थी. मेरी इज़्ज़त पर हमला हो रहा है. मैं दुखी थी और अपनी आवाज़ उठाना चाहती थी.’
सरकार की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ज्ञात हो कि इससे पहले भी महिला कोच ने आरोप लगाया था कि उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धन की पेशकश की जा रही है और चुप रहने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने तब यह दावा भी किया था कि मुख्यमंत्री खट्टर मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं.