कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में कुकी-ज़ो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए दो राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-2 और एनएच-37 पर नाकाबंदी शुरू कर दी. एनएच-2 इंफाल को नगालैंड के दीमापुर से जोड़ता है और एनएच-37 जो इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ता है.
नई दिल्ली: हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक आदिवासी निकाय ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में कुकी-ज़ो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए सोमवार को कांगपोकपी जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन नाकाबंदी लगा दी.
दि प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) सदर हिल्स कांगपोकपी ने एनएच-2 पर नाकाबंदी शुरू की, जो इंफाल को नगालैंड के दीमापुर से जोड़ता है और एनएच-37 जो इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ता है.
सीओटीयू सचिव लामिनलुन सिंगसिट ने 17 अगस्त को कहा था, अगर राज्य के पहाड़ी इलाकों में कुकी-ज़ो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर) और एनएच-37 (इंफाल-सिलचर) पर राजमार्ग नाकाबंदी फिर से लागू की जाएगी.
मणिपुर पुलिस ने सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर पोस्ट किया कि आवश्यक वस्तुओं के साथ एनएच-2 पर 163 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है.
Movement of Essential Items along NHs:
1.Movement of 163 (one hundred sixty-three) vehicles along NH-2 with essential items have been ensured. Strict security measures are taken up in all vulnerable locations and security convoy is provided in sensitive stretches in order to…
— Manipur Police (@manipur_police) August 20, 2023
पुलिस ने कहा, ‘सभी संवेदनशील स्थानों पर सख्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं और वाहनों की स्वतंत्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में सुरक्षा काफिला उपलब्ध कराया गया है.’
एक अन्य जनजातीय संगठन कुकी-जो डिफेंस फोर्स ने भी चेतावनी दी कि अगर कुकी-जो समुदाय वाले क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो वह 26 अगस्त से नाकेबंदी कर देंगे.
एनएससीएन-आईएम ने 3 कुकी लोगों की हत्या को ‘अनुचित घुसपैठ’ बताया
इस बीच अलगाववादी समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आईएम) ने मणिपुर के नगा-बहुल उखरुल जिले में आदिवासी कुकी समुदाय के तीन लोगों की यातना और हत्या को ‘अनुचित घुसपैठ’ करार दिया है.
मणिपुर में बीते 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद अपेक्षाकृत शांत रहे उखरुल जिले के एक गांव में बीते 18 अगस्त को तीन कुकी लोगों की हत्या कर दी गई थी.
मृतकों की पहचान थांगखोकाई हाओकिप (35 वर्ष), जामखोगिन हाओकिप (26 वर्ष) और हॉलेंसन बाइट (24 वर्ष) के रूप में हुई थी. यह घटना थोवई कुकी गांव में हुई थी. तीन मृतक रात में गांव की सुरक्षा ड्यूटी पर थे और गांव के बाहर समुदाय द्वारा बनाए गए बंकर में तैनात थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएससीएन-आईएम ने इस हमले की पहचान ‘नगालिम के अधिकार क्षेत्र के भीतर’ हुए हमले के रूप में की है.
संगठन ने बीते 20 अगस्त को कहा था कि ‘नगा किसी भी परिस्थिति में सांप्रदायिक हिंसा को अपने क्षेत्रों में फैलने नहीं देना चाहते हैं’.
एनएससीएन-आईएम ने यह भी कहा कि मेईतेई अलगाववादी समूह कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) और एक नगा संगठन हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. वहीं, केवाईकेएल ने कहा है कि उसका तीन कुकियों की हत्याओं से कोई संबंध नहीं है.